वैरावल बंदरगाह,गुजरात स्थित सोमनाथ
ज्योतिर्लिंग हैं, बारह में प्रथम ज्योतिर्लिंग।
प्राचीन काल से ही तीर्थ स्थल रहा है हिरणा,
कपिला और सरस्वती नदियों का यह संगम।
अति प्राचीन,धार्मिक एवम् ऐतिहासिक
महत्त्व के हैं, सोमनाथ मंदिर के ज्योतिर्लिंग।
चन्द्र भगवान द्वारा पूजित होने से कहलाए
सोमनाथ में, स्थापित है काल भैरव लिंग।
यह विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थल,
हिंदू धर्म के उत्थान-पतन का रहा है प्रतीक।
अत्यंत वैभवशाली होने से, इतिहास में कई
बार तोड़ा जाता रहा और हुआ पुनर्निर्मित।
1783 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने
पास में एक अलग मंदिर का निर्माण कराया।
विध्वंसक शक्तियों से अपने शिव के बचाव
हेतु, गर्भगृह को जमीन के अंदर बनवाया।
यह मंदिर तो है ओल्ड सोमनाथ मंदिर
और अहिल्याबाई मंदिर कहलाया।
लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के
संकल्प से फिर हुआ, मंदिर का पुनर्निर्माण।
राष्ट्र को समर्पित सोमनाथ मंदिर, कैलाश
महामेरू प्रासाद शैली का है बेजोड़ नमूना।
- वीरेन्द्र कुमार
नई दिल्ली
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