सीमा पर तैनात फौजी ही देशप्रेम का
सबसे बड़ा संदेश देते हैं
इस कार्य करने में
वो आह तक नहीं करते हैं
देश रक्षा की खातिर
रहते हरदम ये आगे
फिर भी ना जाने क्यूँ नेता
इन पर ऊँगली हैं उठाते
देश सेवा को
सदा रहते हैं तत्पर
चाहे हो जाना
मैदान -ए -जंग पर
हर किसी मुश्किल में
आगे यह आते है
भारत माँ के सच्चे सपूत
कहलाते हैं
मैदान-ए-जंग में
किसी की होती नहीं फ़िक्र
दौरान-ए-जंग दुःख-दर्द का
करते नहीं जिक्र
भारत माँ के यही सपूत
माँ को आतंक से मुक्त कराएँगे
देश को समृद्ध ,सुखद
और गौरवशाली बनाएँगे
वीरेन्द्र सिंह
आरुषि
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