आग लगी है
धने जंगलों मैं कौन जाये,
जहाँ आग लगी है
इशक से आग बुझाने का,
सिलसिला जारी है,
हम भी पानी लिये बेठे हैं,
जहाँ आग लगी हे,
मगर हम भी आग,
बुझाने चले आये हैं,
मगर उनको
यह भी मालूम ना था,।
कहाँ आग लगी है,
किसको समय था
जो दे अवाज पर ध्यान
धूमता-फिरता था , आवार धुआँ
कि आग लगी है,
सहर तक सारे,निसा मिटा डालेंगे
अगर कोइ पूछेगा तो कह देंगें,
कहाँ आग लगी है/कवि खत्री भेल
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