आंसुओं को छुपाकर, सबको समझना पड़ता है,
एक पुरुष को सारे कष्टों से,
अपना आशियाना बचाना पड़ता है।
वो नहीं बता सकता अपनी,
दुविधाओं को अपनों से ही।
उसे तो सबकी दुविधाओं का,
हल ढूंढ कर लाना पड़ता है।
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