जब विद्यालय हम जाते थे।
पीठ पर भारी _सा झोला,
सीधी नीयत, मन भोला,
हंसते _गाते,बात बनाते,
अपने पर इतराते थे,
जब विद्यालय हम जाते थे ।
गुरुओं को करते थे प्रणाम,
आखों में डर, दिल में सम्मान,
उनके पढ़ाए पाठों को,
इक सुर में सब दोहराते थे,
जब विद्यालय हम जाते थे।
थी ,यारों की प्यारी टोली,
खाती खट्टी _मीठी गोली,
आपस में बन कर हमजोली,
सब साथ में घर को आते थे।
जब विद्यालय हम जाते थे।
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