ज्यादा तजुर्बेगार न सही,
नादान भी नहीं हैं।
आपकी इन अदाकारियों से, अंजान भी नहीं हैं।
न यूं रुसवा करें हमें, महफ़िल में,
ऐ मेरे हमदम!
हम पहचानी हस्ती न सही, लेकिन गुमनाम भी नहीं हैं ।।😇
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