फिसला दिल ये मेरा, हर हसीन पर
दिल को लुटा दिया, हर महजबीन पर
अपने भी तो जाना , कुछ उसूल हैं
फेंका नहीं कंकड़, इक नाजनीन पर
थामा जो हाथ तुमने, इस गरीब का
आये खुशी मनाने , तारे जमीन पर
रुख पे तेरे पसीना, है इस तरह
जैसे कि हो शबनम, गुल-ए-जमीन पर
धड़के दिल मेरा, जोरों से जाने क्यों
आके जो बैठे तुम, मेरे करीन पर
करे ना मोहब्बत, जो अपने मुल्क से
लानत सबकी यारों, उस कमीन पर
- सचिन सागर
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