ऐ खुदा मिल सकूँ उस से हर वक़्त, हर पल,
किस्मत में ऐसी कोई बात बना
रात हो जाती है तबदील दिन में हर रोज़ मेरी
सो पाऊँ सुकूँ से ऐसी कोई रात बना
खलल डालता है मजहब,हरवक्त प्यार मोहब्बत के बीच
मिले हर किसी को प्यार अपना,ऐसी कोई जात बना
गले मिले तो पूरी कायनात भी न अलग कर सके हम दोनों को
गर बनाना ही है तो ऐसी कोई मुलाकात बना
खोलूँ गर आँखे तो पाऊँ खुद को आगोश में उसके
सुबह की पहली किरण उसकी ही पड़े,ऐसी कोई प्रभात बना..
गर जिये तो साथ मे जिये,मरे तो साथ मे मरे
बने परिंदे तो दोनों साथ मे बने,ऐसी कोई हालात बना..
-Rajan kumar sanjivani
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