चलो अब खुश होने की वजह ढूंढते हैं
चले वहीं जहां कोई उदासी ना हो
वह एक छोटा सा अनजाना शहर ढूंढते हैं
भागते रह गए जिंदगी भर यूं ही
चलो अब एक बरगद की ठंडी छांव ढूंढते हैं
छूटा संग कितनों का जिंदगी में साथ चलते-चलते
चलो अब उन्हीं दिलों की गिरह ढूंढ़ते हैं
वक्त गुजर गया बहुत जिंदगी का
चलो अब अंधेरे के बाद की सुबह ढूंढते हैं
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