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बुआ और भतीजी का साथ..

                
                                                                                 
                            फूल सी नाज़ुक सबके आशीर्वाद की व्याकुल
                                                                                                

धूप की नर्म तपिश में गुलजार करती मेरे घर आंगन।
कोमल पंखुड़ी सी बांहें,होने को बेजार
दादी, मां,को पुकारती, अंगड़ाइयां लेती
पुरसुकून लम्हों में खोने को आतुर
मां की आंचल में निद्रा की आगोश में जाने को व्याकुल
सुनहरे सपनों के पंख लगाकर उड़ान भरने को आतुर
उम्मीदों के चिराग जलाने को व्याकुल
मेरे कुल की मान बढ़ाने को आतुर
सबके आशीषों के भंडार से संपोषित होने को आतुर
हमारी जान ,हमारी पहचान बनाने को व्याकुल
वो कोई और नहीं हमारी ही वंश परंपरा की शान
गुले गुलजार ,अभिज्ञा सी प्रज्ञा सबकी प्यारी माहित्रा
शक्ति से प्रेरित ज्ञान से प्रेरित स्नेह से सिंचित हो
मधुर से मधुरा हो,सौम्य से भी सौम्यतारा हो,
नीलाकाश का वो सबसे चमकता सितारा हो
मेरी आशाओं के दिव्य ज्योति से अलंकृत वो
हर शुभ किरणों की छाया हो,मां भारती की सहनशक्ति हो
किसी गुड़िया की चपलता हो ,राखी की सौम्यता हो,
हर मौसम की विविधता हो,इला की शालीन विनम्रता हो,
इरा के साहस ,की ज्ञान की पराकाष्ठा हो ,अदिति की धार्मिकता हो ,मेरे तरफ से हर बुआ की दुआओं की सफलता हो।
चिरंजीवी, सौभाग्यशाली शक्तिशाली जीवन यात्रा हो ।
हर सफर पर हमारी दुआओं का साया हो
क्षत्राणी हो भवानी हो इस वसुंधरा की उर्वरा हो ।
अब और क्या पेश करूं ,तुम्हारे प्रेम में !
शब्दों की तुम अंतहीन सीमा हो,
मां जगदम्बा की कृपादृष्टि में फलों और फूलो
नीलाकाश भी तुम्हारा हो धरा की खूबसूरत वादियां हो
और फुआ भतीजी का साथ हो।
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2 months ago

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😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
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