नयी साल का नया नया दिन
सुबह उतार के कोहरा
धूप में ख़ूब नहाया
नये साल की
नयी सांझ से
पोछ के तन अपना अब
रात नयी पहनेगा
नये साल की
बस
कल की भोर फिर वही
एक पुरानी आदत
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