चेहरे से गरीब बताते हैं
लोग मुझे अक्सर सताते हैं
है सनतनत उसके पास लाखो की
मग़र गरीब पर कहाँ लुटाते हैं
जब देखो तब, मुझको आजमाते हैं
हम गरीब मुसीबत मे भी डट जाते हैं
चंद रुपये में भी देखो
बच्चे पल बढ़ जाते हैं
जब जेब खाली हो जाती
तो जीते-जी मर जाते हैं
हम गरीब का क्या कहना,
मुसीबत से भी लड़ जाते हैं
- मनीष रायटर
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