ये सिर्फ जवान नहीं, ये भारत मां की जान है
खून की गिरवी रखकर भी रखते भारत की शान है ।
दूध की कीमत इनसे बढ़कर कौन अदा कर सकता है
ये भूमि ,जमीं इनसे ही है , इनसे ही हिंदुस्तान है ।
चावल रोटी खाने वाले , स्वाद गोली की क्या जाने
जो होली खेले हैं रंगो से ओ खून की होली क्या जानें ,
और ये जवान है जो कंधा बाप को न दे पाता है
पूछो सरहद की मिट्टी से क्या खोता क्या पाता है
जलती आग को सीने पे रख माता का शौर्य बढ़ाया है
तब हिंदुस्तान आज सिरमौर्य कहलाया है
कभी कभी नदियां लालिमा लेकर घूमती हर गली चौराहों पर
और राजनीति होने लगती है मां की ममता के आहों पर
नोटों की गड्डी बलिदानों पर क्या मूल्य अदा कर सकता है
अरे देशभक्ति मेरे देश से है इसे कौन जुदा कर सकता है
ये शौक , उम्मीदों को मारकर मरने की ईक्षा रखता है
स्वदेश के लिए खुद बिककर कुछ करने की इक्षा रखता है ।
जय हिंद जय भारत
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4 months ago
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