अगर इत्तेफाक से उसका कभी दीदार हो जाए
मेरा दावा है पहली नज़र में उससे प्यार हो जाए
मैं एतिहातन अपने दिल को छुपाकर रखता हूँ
ऐसा न हो उनकी कातिल नज़रों का शिकार हो जाए
यूँ न उछाला करो हर वक़्त चराग़ों को हवाओं में
न जाने कब कौन सी लौ भड़क कर अंगार हो जाए
हाथ अगर तलवार हो जाएं हौंसले हथियार हो जाएं
फिर क्या मजाल किसी जंग में तुम्हारी हार हो जाए
'नामचीन'इस सोई हुई हुकूमत को कोई ये खबर कर दे
कि अब तख़्ता पलटने वाला है बेदार हो जाए
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