ना मोहब्बत की कमी है कुछ
ना नफरत का तराना है
हमारी जिंदगी बस एक-दो दिन का फसाना है
बहुत खेले हैं मां बापू के आंगन में खिलौनों से
वतन पर खेल जाने का हुनर सबको दिखाना है।।
- माया यादव
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