मां संवेदना है, भावना है, अहसास है मां
मां जीवन के फूलों में ख़ुश्बू का वास है मां
मां रोते हुए बच्चे का ख़ुशनुमा पालना है मां
मां मरुथल में नदी या मीठा सा झरना है मां
मां लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है मां
मां पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है मां
मां आखों का सिसकता हुआ किनारा है मां
मां गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है मां
मां झुलसते दिनों में कोयल की बोली है मां
मां मेहंदी है, कुमकुम है, सिंदूर की रोली है मां
मां कलम है, दवात है, स्याही है मां
मां परमात्मा की स्वयं एक गवाही है मां
मां चूड़ी वाले हाथों पे मजबूत कंधों का नाम है मां
मां काशी है, काबा है, चारो धाम है मां
मां चिंता है, याद है, हिचकी है
मां बच्चे की चोट पर सिसकी है
मां पृथ्वी है, जगत है, धूरी है
मां बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है
तो मां की यह कथा अनादि है, अध्याय नहीं है
और मां का जीवन में कोई पर्याय नहीं है
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