खुमारी तेरे इश्क की; इस कदर से छाई है,
दिल मेरा है फिर भी; धड़कन तेरी आई है,
रूह मेरी तेरे बिन; खुद को तन्हा सी पाई है,
मेरा वजूद ही क्या; बस तेरी परछाई है,
हर घड़ी मुझको तेरा ही सहारा है,
कोई न जाने तू मुझे खुदा से भी प्यारा है।।
~Miss AS
- हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें।
कमेंट
कमेंट X