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वह सारा समय केदारनाथ अग्रवाल की कविताओं में धड़कता है, जिसे उन्होंने देखा और रचा

Famous poems collection of Kedarnath agrawal in hindi
                
                                                                                 
                            केदारनाथ अग्रवाल मुलत: प्रेम भाव के कवि हैं, लेकिन उनकी कविताओं में शोषितों और वंचितों की आवाजें भी सम्मिलित हैं और यह आवाज प्रगतिशील आंदोलन के पहले से भी उनकी काव्यधारा में भावबोध के स्तर पर दिखाई देने लगती है। केदार नाथ अग्रवाल की कविताओं में प्रकृति का सौंदर्य कूट- कूटकर भरा है लेकिन उसमें सिर्फ पहाड़, नदी, झरने और जंगल की सुंदरता नहीं है, उसमें खेत है किसान हैं, लोगों की बस्ती है जहां ठिगना चना भी किसी किसान के गबरू जवान की तरह मुरैठा बांधे लगता है, हठीली अलसी और पीली सरसों किसान की सयानी बेटियां हो जाती हैं- 
                                                                                                


एक बीते के बराबर 
यह हरा ठिंगना चना
बांधे मुरैठा शीश पर 
छोटे गुलाबी फूल का 
सजकर खड़ा है 
पास ही मिलकर उगी है 
बीच में अलसी हठीली 
देह की पतली, कमर की है लचीली
नीले फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर 
कह रही है जो छुए यह 
दूं हृदय का दान उसको
और सरसों की न पूछो 
हो गई सबसे सयानी, हाथ पीले कर लिए हैं 
ब्याह मण्डप में पधारी 
फाग गाता मास फागुन 
आ गया है आज जैसे 
देखता हूं मैं स्वयंवर हो रहा है 
प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है 
इस विजन में 
दूर व्यापारिक नगर में 
प्रेम की प्रिय भूमि उपजाऊ अधिक है...
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3 months ago

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