रिश्ते हमारे जीवन की वो फ़सलें हैं जिन्हें जिस तरीके से सींचा जाता है वो उसी के अनुसार पैदावार देती हैं। ये ज़रूर है कि उनमें ग़म और खुशी के मौसमों की मार पड़ती रहती है लेकिन ज़रूरी ये है कि बावजूद इसके उसकी हिफ़ाजत की जाए। इन्हीं रिश्तों पर लिखे कुछ कलाम पेश हैं।
दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए
- निदा फ़ाज़ली
चलो कहीं पे तअल्लुक़ की कोई शक्ल तो हो
किसी के दिल में किसी की कमी ग़नीमत है
- आफ़ताब हुसैन
सरहदें रोक न पाएँगी कभी रिश्तों को
ख़ुश्बूओं पर न कभी कोई भी पहरा निकला
- अज्ञात
दिल के रिश्ते अजीब रिश्ते हैं
साँस लेने से टूट जाते हैं
- मुस्तफ़ा ज़ैदी
रखे रखे हो गए पुराने तमाम रिश्ते
कहाँ किसी अजनबी से रिश्ता नया बनाएँ
- साबिर
एक रिश्ता भी मोहब्बत का...
एक रिश्ता भी मोहब्बत का अगर टूट गया
देखते देखते शीराज़ा बिखर जाता है
- नुशूर वाहिदी
क्या क़यामत है कि तेरी ही तरह से मुझ से
ज़िंदगी ने भी बहुत दूर का रिश्ता रक्खा
- आलोक मिश्रा
तलब' बड़ी ही अज़िय्यत का...
'तलब' बड़ी ही अज़िय्यत का काम होता है
बिखरते टूटते रिश्तों का बोझ ढोना भी
- ख़ुर्शीद तलब
रिश्ता बहाल काश फिर उस की गली से हो
जी चाहता है इश्क़ दोबारा उसी से हो
- इरशाद ख़ान ‘सिकंदर’
ऐसे रिश्ते का भरम रखना...
ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं
तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी
- वसीम बरेलवी
दामन किसी का हाथ से जाता रहा मगर
इक रिश्ता-ए-ख़याल है जो टूटता नहीं
- अज्ञात
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम
- जौन एलिया
रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे
हर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे
- शकील जमाली
एक महाज़ पे हारे हैं हम...
एक महाज़ पे हारे हैं हम
ये रिश्ता क्या कम रिश्ता है
- शारिक़ कैफ़ी
दिल से दुनिया का जो रिश्ता है अजब रिश्ता है
हम जो टूटे हैं तो कब शहर सलामत होगा
- असद बदायुनी
इन रातों से अपना रिश्ता...
इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं
- राहत इंदौरी
मौसम मौसम याद में तेरी तन्हा हम ने काट दिए
इक लम्हे के मेल का रिश्ता सच है कोई रिश्ता भी
- सय्यद अारिफ़
ख़ामोशी का शोर से रिश्ता...
ख़ामोशी का शोर से रिश्ता
ये भी अजब सी बात है यारों
- मुशताक़ सदफ़
सच के धागे से जो बने रिश्ता
उम्र भर उस्तुवार रहता है
- इब्न-ए-मुफ़्ती
मैं सितारा नहीं हूँ सूरज हूँ...
मैं सितारा नहीं हूँ सूरज हूँ
गहरा रिश्ता है मेरा मिट्टी से
- ख़लील रामपुरी
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चलो कहीं पे...
4 years ago
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