नया साल एक नई शुरुआत होती है जिसमें हमें अपने सभी गिले-शिकवे भुलाकर दोस्तो को गले लगाना चाहिए और उत्सव मनाना चाहिए। इस नए साल में आप भी अपने दोस्तो को बधाई संदेश भेज सकते हैं इन शायरी के साथ
अब के बार मिल के यूँ साल-ए-नौ मनाएँगे
रंजिशें भुला कर हम नफ़रतें मिटाएँगे
- अज्ञात
ऐ जाते बरस तुझ को सौंपा ख़ुदा को
मुबारक मुबारक नया साल सब को
- मोहम्मद असदुल्लाहपुराने साल की ठिठुरी हुई परछाइयाँ सिमटीं
नए दिन का नया सूरज उफ़ुक़ पर उठता आता है
- अली सरदार जाफ़री
कुछ ख़ुशियाँ कुछ आँसू दे कर टाल गया
जीवन का इक और सुनहरा साल गया
- अज्ञातदुल्हन बनी हुई हैं राहें
जश्न मनाओ साल-ए-नौ के
- साहिर लुधियानवी
मुबारक मुबारक नया साल आया
ख़ुशी का समाँ सारी दुनिया पे छाया
- अख़्तर शीरानीन कोई रंज का लम्हा किसी के पास आए
ख़ुदा करे कि नया साल सब को रास आए
- अज्ञात
नए साल में पिछली नफ़रत भुला दें
चलो अपनी दुनिया को जन्नत बना दे
- अज्ञातआगे पढ़ेंचेहरे से झाड़ पिछले बरस की कुदूरतें
दीवार से पुराना कैलन्डर उतार दे
- ज़फ़र इक़बालचेहरे से झाड़ पिछले बरस की कुदूरतें