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खेती-किसानी और ग्रामीण जीवन पर ये हैं 20 बेहतरीन शेर....

दिल्ली में किसान आंदोलन पर शायरी
                
                                                                                 
                            देश की आबादी का बड़ा हिस्सा गावों में रहता है और खेती ही उसकी आजीविका का साधन है। लेकिन अब वह सूखे की मार बेहाल है। रोज़मर्रा की ज़रूरतों ने लोगों को इस कदर मजबूर किया है कि लोग शहरों की तरफ भी भागे चले आ रहे हैं। किसानों पर राजनीति तो सभी दल करते हैं लेकिन हर सरकार में वो पीड़ित रहता है।  गांव से शहर जिस उम्मीद में आता वो तो नहीं मिलता, उपेक्षा ज़रूर मिलती है। पेश है ग्रामीण जीवन और खेती-किसानी पर कुछ चुनिंदा शेर-   
                                                                                                

 
मत मारो गोलियों से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं कि मैं पेशे से एक किसान हूँ

चोरी न करें झूठ न बोलें तो क्या करें
चूल्हे पे क्या उसूल पकाएंगे शाम को
-अदम गोंडवी
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खेत अभी भी बंजर हैं

4 years ago

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