आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

शमशेर बहादुर सिंह की कविता- प्रेम

शमशेर बहादुर सिंह
                
                                                                                 
                            द्रव्य नहीं कुछ मेरे पास 
                                                                                                

फिर भी मैं करता हूँ प्यार 
रूप नहीं कुछ मेरे पास 
फिर भी मैं करता हूँ प्यार 
सांसारिक व्यवहार न ज्ञान 
फिर भी मैं करता हूँ प्यार 
शक्ति न यौवन पर अभिमान 
फिर भी मैं करता हूँ प्यार 
कुशल कलाविद् हूँ न प्रवीण 
फिर भी मैं करता हूँ प्यार 
केवल भावुक दीन मलीन 
फिर भी मैं करता हूँ प्यार। 
  आगे पढ़ें

3 days ago

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X