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रघुवीर सहाय: जब वह किसी बात को स्वीकार करती है तो 'हाँ' नहीं कहती

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जब वह किसी बात को स्वीकार करती है


तो ‘हाँ’ नहीं कहती

सिर्फ़ ख़ुशी-ख़ुशी अपना काम करने लगती है

उसी से हम जानते हैं कि
उसने स्वीकार किया।


साभार - कविताकोश

1 year ago

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