आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

जिसके होने से घर में रौनक है, जिसकी छाया सुकून देती है...

जिसके होने से घर में रौनक है, जिसकी छाया सुकून देती है
                
                                                         
                            जिसके होने से घर में रौनक है
                                                                 
                            
जिसकी छाया सुकून देती है
वो रहे घर में तो घर लगता है
घर की हर चीज़ खुशी देती है।

उसने नाजों से हमको पाला है
अपने सांचों में उसने ढाला है
व्यर्थ में ढूंढते हो तुम  ईश्वर
वही मंदिर है  औ शिवाला है।

कोई हारी हो या बीमारी हो
राह में कितनी भी दुश्वारी हो
मुश्किलों से निजात मिल जाए
मां अगर पास में हमारी हो। 

मां तो आशीष बन के रहती है 
वो अगर फ्रेम में भी रहती है
कभी महसूस करके देखो तो
वह हवा बनके पास रहती है । 
  आगे पढ़ें

3 महीने पहले

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now