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अंग्रेज़ी प्राणन से प्यारी, चले गए अंग्रेज़ छोड़ि याहि....

doctor Barasane Lal Chaturvedi hasya kavita on English language
                
                                                                                 
                            अंग्रेज़ी प्राणन से प्यारी
                                                                                                


चले गए अंग्रेज़ छोड़ि याहि, हमने है मस्तक पे धारी
ये रानी बनिके है बैठी, चाची, ताई और महतारी

उच्च नौकरी की ये कुंजी, अफसर यही बनावनहारी
सबसे मीठी यही लगत है, भाषाएं बाकी सब खारी

दो प्रतिशत लपकन ने याकू, सबके ऊपर है बैठारी
याहि हटाइबे की चर्चा सुनि, भक्तन के दिल होंइ दु:खारी

दफ्तर में याके दासन ने, फाइल याही सौं रंगडारीं
याके प्रेमी हर आफिस में, विनते ये नाहिं जाहि बिसारी

- डॉ. बरसाने लाल चतुर्वेदी
4 वर्ष पहले

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