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ट्रांस्पोर्ट यूनियन की ओर से 24 फरवरी को आहूत चक्का जाम में बस, मिनी बस, ट्रकों के साथ साथ आटो यूनियन ने भी समर्थन का ऐलान किया है। जम्मू-कठुआ रूट की 300 से अधिक बसें, जिले भर में 750 से अधिक मिनी बसें और सैकड़ों ट्रकों के पहिये भी बुधवार को थमे रहेंगे। यात्री किराये में बढ़ोतरी के साथ-साथ पैसेंजर, टोकन टैक्स में माफी और अन्य कई मांगों को लेकर हड़ताल पर उतर रहे ट्रांस्पोर्टरों ने साफ किया है, जबकि उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
मिनी बस यूनियन कठुआ के अध्यक्ष हरमोहिंद्र सिंह ने बताया कि एक ओर जहां कोरोना काल में वाहन महीनों खड़े रहे, वहीं अब तेल के दाम 65 रुपये प्रति लीटर से 85 रुपये पहुंच गए हैं। सरकार ने पहले भी वायदा किया था कि किराये में बढ़ोतरी की जाएगी, लेकिन नहीं की गई है। आलम यह है कि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले जम्मू-कश्मीर के रूट पर आधा किराया भी हासिल नहीं हो रहा है। उस पर नए से नए और बढ़ाकर टैक्स लगाए जा रहे हैं।
हड़ताल के दौरान किसी भी रूट पर नहीं चलेंगे वाहन
हरमोहिंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में जिले के विभिन्न रूट पर 750 मिनी बसें चल रही हैं। सरकार का आदेश है कि 15 वर्ष की आयु सीमा पूरा कर चुके वाहन सड़कों पर नहीं उतरेंगे। लेकिन यदि यह होता है तो अगले वर्ष जिले में 250 के लगभग वाहन ही विभिन्न रूट पर रह जाएंगे। महंगाई के चलते नए वाहन लेने की हिम्मत भी कोई नहीं करेगा।
उन्होंने बताया कि मिनी बसों के 35 रूट शहर को टच करते हैं। बसोहली में 14 रूट, बिलावर में 26 रूट हैं। हीरानगर में 26, दियालाचक से पांच रूट सक्रिय हैं, जिनपर मिनी बसें चल रही हैं। हड़ताल के दौरान इन रूट पर एक भी वाहन नहीं उतरेगा। बताया कि आटो चालकों ने भी साथ देने का भरोसा दिलाया है। ट्रक और बस यूनियन पहले ही आह्वान कर चुके हैं।
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे जंगली जानवर, आठ साल में 160 को बनाया शिकार
हर रोज घाटा उठाने की स्थिति में नहीं
उन्होंने सरकार से कोरोना काल के दौरान वसूले जाने वाले पैसेंजर टैक्स और टोकन टैक्स को भी माफ करने की मांग की है। कहा कि पेट्रोल और डीजल के कीमतें आसमान छूने की वजह से अब वे हर रोज घाटा उठाने की स्थिति में नहीं है। मजबूरन उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान लोगों को होने वाली परेशानियों की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी।
ट्रांस्पोर्ट यूनियन की ओर से 24 फरवरी को आहूत चक्का जाम में बस, मिनी बस, ट्रकों के साथ साथ आटो यूनियन ने भी समर्थन का ऐलान किया है। जम्मू-कठुआ रूट की 300 से अधिक बसें, जिले भर में 750 से अधिक मिनी बसें और सैकड़ों ट्रकों के पहिये भी बुधवार को थमे रहेंगे। यात्री किराये में बढ़ोतरी के साथ-साथ पैसेंजर, टोकन टैक्स में माफी और अन्य कई मांगों को लेकर हड़ताल पर उतर रहे ट्रांस्पोर्टरों ने साफ किया है, जबकि उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
मिनी बस यूनियन कठुआ के अध्यक्ष हरमोहिंद्र सिंह ने बताया कि एक ओर जहां कोरोना काल में वाहन महीनों खड़े रहे, वहीं अब तेल के दाम 65 रुपये प्रति लीटर से 85 रुपये पहुंच गए हैं। सरकार ने पहले भी वायदा किया था कि किराये में बढ़ोतरी की जाएगी, लेकिन नहीं की गई है। आलम यह है कि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले जम्मू-कश्मीर के रूट पर आधा किराया भी हासिल नहीं हो रहा है। उस पर नए से नए और बढ़ाकर टैक्स लगाए जा रहे हैं।
हड़ताल के दौरान किसी भी रूट पर नहीं चलेंगे वाहन
हरमोहिंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में जिले के विभिन्न रूट पर 750 मिनी बसें चल रही हैं। सरकार का आदेश है कि 15 वर्ष की आयु सीमा पूरा कर चुके वाहन सड़कों पर नहीं उतरेंगे। लेकिन यदि यह होता है तो अगले वर्ष जिले में 250 के लगभग वाहन ही विभिन्न रूट पर रह जाएंगे। महंगाई के चलते नए वाहन लेने की हिम्मत भी कोई नहीं करेगा।
उन्होंने बताया कि मिनी बसों के 35 रूट शहर को टच करते हैं। बसोहली में 14 रूट, बिलावर में 26 रूट हैं। हीरानगर में 26, दियालाचक से पांच रूट सक्रिय हैं, जिनपर मिनी बसें चल रही हैं। हड़ताल के दौरान इन रूट पर एक भी वाहन नहीं उतरेगा। बताया कि आटो चालकों ने भी साथ देने का भरोसा दिलाया है। ट्रक और बस यूनियन पहले ही आह्वान कर चुके हैं।
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हर रोज घाटा उठाने की स्थिति में नहीं
उन्होंने सरकार से कोरोना काल के दौरान वसूले जाने वाले पैसेंजर टैक्स और टोकन टैक्स को भी माफ करने की मांग की है। कहा कि पेट्रोल और डीजल के कीमतें आसमान छूने की वजह से अब वे हर रोज घाटा उठाने की स्थिति में नहीं है। मजबूरन उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान लोगों को होने वाली परेशानियों की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी।