श्रीनगर, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग में कार्रवाई, बरकती 2016 में देश विरोधी प्रदर्शनों का करता था नेतृत्व
डेढ़ करोड़ रुपये जुटाने का आरोप, अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों में किया इस्तेमाल
अमर उजाला ब्यूरो
श्रीनगर। टेरर फंडिंग मामले में मौलवी सर्जन बरकती समेत कश्मीर में आठ ठिकानों पर शनिवार पर विशेष जांच दल (एसआईए) ने दबिश दी है। कार्रवाई देर शाम तक जारी रही। इस दौरान इलेक्ट्राॅनिक गैजेट्स, आपत्तिजनक सामग्री सहित अन्य सबूत बरामद किए गए हैं।
शोपियां के जैनापोरा निवासी बरकती 2016 में देश विरोधी प्रदर्शनों का प्रमुख चेहरा था। उसने लगभग डेढ़ करोड़ रुपये आतंकी संगठनों के माध्यम व व्यक्तिगत रूप से जुटाए, जिसका इस्तेमाल अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों में किया गया। साथ ही उसने इस राशि का स्वयं के लिए भी उपयोग किया है। उस पर लोगों को देशविरोधी प्रदर्शनों और युवाओं युवाओं को हिंसा के लिए भड़काने का भी आरोप है। एसआईए ने अब तक 10 संदिग्धों की पहचान की है, जिसकी इस मामले में संलिप्तता रही है। शनिवार को हुई एसआईए की कार्रवाई में इलेक्ट्रानिक गैजेट्स, आपत्तिजनक सामग्री सहित अन्य सबूत बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार आरोपी ने न केवल जनता के विश्वास को तोड़ा, बल्कि अज्ञात स्रोतों से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों में किया है।
चंदे के पैसे से खुद के लिए खरीदी जमीन, मदरसा के लिए भी ली पांच कनाल
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बरकती ने जुटाई गई धनराशि से 45 लाख रुपये की जमीन अपनी पत्नी के नाम पर अनंतनाग शहर में खरीदी। बाद में उसने इस जमीन को 72 लाख रुपये में बेचा है। इससे उसने 27 लाख रुपये लाभ कमाया। साथ ही जनता के धन से एक मकान का भी निर्माण किया। एक मदरसा खोलने के लिए उसने पांच कनाल जमीन भी खरीदी। सूत्रों के अनुसार मदरसा के जरिये धन एकत्र करने और देशविरोधी तत्वों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का लक्ष्य था। साथ ही इसकी आड़ में युवाओं को आतंकवाद की आग में झोंकना था। बरकती ने परिवार के नाम पर कई एफडी भी करवाई हैं।