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Earthquake in Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में भूकंप के तेज झटके, लोग घरों से बाहर निकले, 6.6 रही तीव्रता

अमर उजाल नेटवर्क, जम्मू Published by: kumar गुलशन कुमार Updated Tue, 21 Mar 2023 11:14 PM IST
सार

जम्मू कश्मीर में भूकंप तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का फायजाबाद रहा।

Strong tremors of earthquake in Jammu and Kashmir
भूकंप। - फोटो : प्रतीकात्मक

विस्तार

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में मंगलवार 10 बजकर 19 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। जम्मू शहर में धरती की कंपन को महसूस कर लोग घरों से बाहर निकल आए। प्रदेश में जम्मू, राजोरी, पुंछ, कठुआ, श्रीनगर आदि जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का फायजाबाद रहा।



जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में दूरसंचार और बिजली ठप होने की भी सूचना मिल रही है। वहीं, प्रदेश प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और अफवाहों से सावधान रहें। वहीं, दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हर जगह अफरा-तफरी का माहौल रहा। 

 

कैसे आता है भूकंप?

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता 

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
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लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

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