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Sports in J&K: उदासीनता के बोझ से दबी वेटलिफ्टिंग, पदक की आस में बीत गए चार साल

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: kumar गुलशन कुमार Updated Tue, 28 Mar 2023 05:13 PM IST
सार

आकाश वर्दी ने जम्मू-कश्मीर को 2019 में सीनियर नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप रजत पदक दिलवाया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर का कोई भी खिलाड़ी टीम के लिए नेशनल चैंपियनशिप में पदक नहीं जीत पाया हैं।

Sports in Jammu kashmir: Weightlifting burdened with apathy four years have passed in the hope of a medal
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विस्तार

वेटलिफ्टिंग खेल में एशिया और ओलंपिक में पदक जीतने का सपना संजोए जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ी सरकार की उदासीनता का शिकार है। खिलाड़ियों के पास प्रतिभा तो है, लेकिन सुविधाएं का अभाव है। वेटलिफ्टिंग खेल में हजारों खिलाड़ी हैं, जिनके लिए सिर्फ तीन सेंटर और दो कोच हैं। प्रदेश के 17 जिलों में न कोच और न वेटलिफ्टिंग का कोई सेंटर हैं।



जम्मू-कश्मीर में वेटलिफ्टिंग खेल की स्थिति खराब है। जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप में सिर्फ एक पदक जीता पाया है। 2019 में आकाश वर्दी ने जम्मू-कश्मीर को सीनियर नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप रजत पदक दिलवाया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर का कोई भी खिलाड़ी टीम के लिए नेशनल चैंपियनशिप में पदक नहीं जीत पाया हैं। 


खिलाड़ियों के लंबे संघर्ष के बाद एमए स्टेडियम, सांबा और पुंछ में वेटलिफ्टिंग सेंटर शुरू हुआ। इनमें उपकरण न के बराबर हैं। इन सेंटरों में दो कोच को युवा सेवा और खेल विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लाया गया। जम्मू और सांबा जिले के सेंटर की जिम्मेवार एक कोच को दी है। वह तीन दिन जम्मू और तीन दिन सांबा में अपनी सेवाएं देंगे। जबकि पुंछ वाला कोच वहीं होगा। 

राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रदेश के खिलाड़ियों का पदक नहीं लेने के पीछे अभ्यास का अभाव है। इन सेंटर के अलावा अन्य जिलों के खिलाड़ी जीम में प्रशिक्षण लेते है, जहां वह तकीनक से ज्यादा ऊर्जा का इस्तेमाल करते है। इससे वह उस स्तर का प्रदर्शन नहीं कर पाते है। पदक विजेता खिलाड़ी आकाश ने कहा कि 2009 में वेटलिफ्टिंग खेलना शुरू किया था, लेकिन उस समय न सरकार और न खिलाड़ियों का इसमें रुझान था। 

जम्मू में प्रशिक्षण नहीं मिलता तो पंजाब गया है। दो- तीन वहां परीक्षण किया तब जाकर राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बन पाए है। जम्मू-कश्मीर में वेटलिफ्टिंग खेल के उपकरण और कोच की कमी है, बिना इसके किसी भी खिलाड़ी के लिए राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप में पदक जीतना संभव नहीं है। ब्यूरो

मीराभाई चानू को पदक जीतने वाले कोच जम्मू के रहने वाले हैं

टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ्टर मीराबाई चानू को राजत पदक दिलाने में जम्मू के विजय शर्मा का बड़ा योगदान रहा है। अखनूर निवासी विजय शर्मा जम्मू मीराबाई चानू के कोच है। वह अखनूर में वेटलिफ्टिंग का सेंटर भी खोलना चाहते हैं, लेकिन सरकार से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल पा रहा है।

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सरकार खेलों को बढ़ावा देने की बात करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं है। वेटलिफ्टिंग खेल ओलंपिक में खेला जाता है, लेकिन हमार पास कोच नहीं है। श्रीनगर सेंटर में 50 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे है, जबकि जम्मू में 50 खिलाड़ी हैं। आरएसपूरा, उधमपुर, अखनूर में वेटलिफ्टिंग में खिलाड़ी अच्छे हैं, लेकिन कोच और उपकरण नहीं है। -युद्धवीर सिंह, सचिव जम्मू-कश्मीर वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन।

2009 में वेटलिफ्टिंग शुरू की थी, लेकिन उस समय न सरकार और न खिलाड़ियों का इसमें रुझान था। जम्मू में प्रशिक्षण नहीं मिलने पर पंजाब गया था। वहां पर दो-तीन साल तक अभ्यास करने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना पाए हैं। प्रदेश में वेटलिफ्टिंग के उपकरण, कोच की कमी है। बिना इसके खिलाड़ी के लिए राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप में पदक जीतना संभव नहीं है। -आकाश वर्दी, पदक विजेता, वेटलिफ्टिंग।

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