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जम्मू शहर: दरबार मूव प्रथा बंद, फिर भी नहीं खुली सचिवालय के सामने की सड़क, आमजन परेशान
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: जम्मू और कश्मीर ब्यूरो
Updated Sun, 04 Jun 2023 12:52 PM IST
सचिवालय के सामने की रोड को सुरक्षा का हवाला देकर खोला नहीं जा रहा। इस कारण कच्ची छावनी, परेड, शालामार, डोगरा हाल, इंदिरा चौक, पुराने शहर के कई हिस्से सहित अन्य इलाकों की 35 हजार आबादी के साथ कॉलेजों व स्कूलों के बच्चे परेशान हैं।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में करोड़ों का खर्च बचाने के लिए 2020 को दरबार मूव की प्रथा समाप्त कर दी थी। इसके बावजूद सचिवालय के सामने की रोड को सुरक्षा का हवाला देकर खोला नहीं जा रहा। इस कारण कच्ची छावनी, परेड, शालामार, डोगरा हाल, इंदिरा चौक, पुराने शहर के कई हिस्से सहित अन्य इलाकों की 35 हजार आबादी के साथ कॉलेजों व स्कूलों के बच्चे परेशान हैं।
रोड पहले 6 महीने के लिए बंद होती थी। अब हालात ऐसे हैं कि पूरे साल के लिए आवाजाही पर रोक है। दुकानदारी ठप हो गई है। कई लोग तो दुकानें बंद कर चले गए। परेड कॉलेज की छात्राओं को लगभग 4 किमी घूमकर जाना पड़ रहा है।
लोगों के अनुसार जम्मूू में दरबार मूव आने के बाद सचिवालय रोड वीआईपी हो गई थी। परंपरा खत्म होने के बाद भी राहत नहीं मिल पाई। बता दें परंपरा को 1872 में महाराजा रणबीर सिंह ने शुरू किया था। इसके तहत हर साल सचिवालय, हाईकोर्ट और सरकार यानी दरबार गर्मियों में मूव होकर कश्मीर व सर्दियों में जम्मू आ जाता था। इस कारण अनुमानित 100 करोड़ खर्च हो जाते थे। दूसरी ओर, यूटी प्रशासन के सचिव संजीव वर्मा के अनुसार दरबार मूव का कोई लेना-देना नहीं है। कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए रोड को बंद करने की संभावना हो सकती है।
दुकानदार बालकृष्ण ने बताया कि उनकी राजमा-चावल की दुकान है। दरबार मूव के समय भीड़ होती थी। जब दरबार चला जाता था तो शालामार के लोग खाना खाने आते थे। रोड बंद होने के कारण काम ठंडा पड़ गया है। दुकानदार भानु देव सिंह के अनुसार दो वक्त की रोटी के लिए भी काम नहीं है। ऐसे हालात हर दुकानदार के हैं। स्थानीय वासी विजयंत पठानिया ने बताया कि यहां से शालामार अस्पताल का फासला एक रोड का था। अब शिव मंदिर तक जाने के लिए भी दिक्कत आ रही है। इससे तो दरबार मूव ही अच्छा था, क्योंकि रास्ता खुल जाता था। करन ने कहा कि परेड रोड के लिए गाड़ी ले जाने पर पाबंदी है। दूसरी ओर, यह रोड बंद है। बची दो सड़कों में एक पर ट्रैफिक है, तो दूसरी पर वीआईपी मूवमेंट चलती रहती है।
लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए मामले का रिव्यू किया जाएगा। -शक्ति पाठक, डीआईजी, जम्मू
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