अमर उजाला ब्यूरो
श्रीनगर। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जम्मू-कश्मीर बदलाव के दौर से गुजर रहा है। विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, लेकिन प्रदेश का विकास महिलाओं के बिना अधूरा है। इसलिए प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के लिए आगे महिला उद्यमी और स्वयं सहायता समूह आगे आएं। क्योंकि, भविष्य में आत्मनिर्भर भारत का नेतृत्व महिलाएं ही करने वाली हैं। यह बातें उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर की डल झील के किनारे आयोजित सरस मेले में कहीं। इस दौरान उन्होंने स्टॉलों का निरीक्षण कर महिलाओं को प्रोत्साहित भी किया। साथ ही मेले से विविधता में एकता और एक भारत श्रेष्ट भारत का संदेश दिया गया है।
उप राज्यपाल ने कहा कि आज महिलाओं को हर क्षेत्र में सम्मानित स्थान देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार का मिशन है। सरस आजीविका मेला ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों और कारीगरों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने, खरीदारों के साथ संबंध विकसित करने और डिजाइन, पैकेजिंग व सोशल मीडिया विज्ञापन के बारे में जानने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है।
उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर में महिलाओं के जीवन पर अधिक प्रभाव डालने वाले सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों और योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शहरी, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में महिला उद्यमियों को पैकेजिंग, ब्रांडिंग, लाइसेंसिंग, स्किलिंग और मार्केटिंग में सभी वित्तीय सहायता और आवश्यक सहयोग मिले। इस अवसर पर, उपराज्यपाल ने ग्रामीण आजीविका मिशन की एक मैगज़ीन जारी की।
प्रदेश के 78 हजार स्वयं सहायता समूहों की 6.27 लाख महिलाओं ने बदली ग्रामीण अर्थव्यवस्था
उप राज्यपाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में स्वयं सहायता समूह अहम भूमिका निभा रहे हैं। हमने महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और वैश्विक बाजार से जुड़ने के अवसर प्रदान करने में मदद करने के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 78,000 से अधिक एसएचजी से जुड़ी लगभग 6.27 लाख महिलाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदल दिया है, रोजगार सृजित किया है और कुछ ने बड़े उद्यम बनने की क्षमता भी दिखाई है।
पहले होता था भेदभाव अब गोल्ड ला रही बेटियां
उप राज्यपाल ने कहा कि पहले शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों से भेदभाव होता था, लेकिन अब लड़कियां गोल्ड ला रही हैं। बताया कि एक दीक्षांत समारोह में गया था वहां पर 70 प्रतिशत गोल्ड मेडल बच्चियों ने ही हासिल किए।
सरस मेलों में एक करोड़ से अधिक का हुआ कारोबार : सचिव
ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की सचिव मनदीप कौर पहल के उद्देश्यों और संबंधित क्षेत्रों से प्राप्त सकारात्मक प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी तक जम्मू और कश्मीर में आयोजित किए गए सरस मेलों में एक करोड़ से अधिक का व्यापार हुआ है। इससे लोग यहां की संस्कृति से रूबरू होते हैं। ऐसे मेलों से देशभर से आए लोगों को अपनी कला को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है। इससे महिलाओं को सशक्त करने में लाभ मिला है।