संवाद न्यूज एजेंसी
अनंतनाग। जम्मू-कश्मीर के लोग रोशनी की किरण ढूंढ रहे हैं। केंद्र सरकार ने काफी अच्छा काम किया है। अब पत्थरबाजी खत्म हो गई है और आतंकवाद न के बराबर है। लेकिन प्रदेश प्रशासन की ओर से सरकारी जमीन से कब्जे हटाने के अभियान से लोग परेशान हैं। पूर्व सरकारों ने गरीब लोगों को जमीनें दी थीं। इसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। इसलिए गरीबों से जमीन नहीं छीनी जाए। यह अपील डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष ने अनंतनाग में आयोजित समारोह में कही।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में हुए कार्यक्रम में जिला विकास परिषद (डीडीसी) सदस्य एडवोकेट मुहम्मद सलीम पर्रे डीपीएपी में शामिल हो गए।
उन्होंने 2020 में हुए डीडीसी चुनावों में 2172 वोट हासिल कर अपनी पार्टी के अपने प्रत्याशी अनीस-उल-इस्लाम को 700 वोटों से हराया था। 24 घंटों में आज़ाद के नेतृत्व वाली पार्टी में डीडीसी सदस्य का यह दूसरा शामिल होना है। रविवार को डीडीसी अध्यक्ष अनंतनाग मुहम्मद यूसुफ गोरसी आज़ाद के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए थे।