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यूनिफार्म विवाद: श्रीनगर के स्कूल में मुस्लिम छात्राओं के अबाया पहनने पर लगी रोक, घाटी की सियासत गरमाई

अमर उजाला नेटवर्क, श्रीनगर Published by: विमल शर्मा Updated Fri, 09 Jun 2023 02:30 AM IST
सार

विश्व भारती हायर सेकेंडरी स्कूल की कई छात्राओं ने वीरवार की दोपहर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अबाया पहनने के कारण संस्थान में प्रवेश नहीं दिया गया।

Muslim girl students banned from wearing abaya in Srinagar school, politics valley heats up
जम्मू कश्मीर में अबाया पहनी छात्राएं - फोटो : संवाद

विस्तार
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श्रीनगर के रैनाबाड़ी इलाके में स्थित विश्व भारती हायर सेकेंडरी स्कूल में मुस्लिम लड़कियों के अबाया पहनकर प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद कश्मीर में राजनीति गरमा गई है।  वीरवार को छात्राओं ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कांफ्रेस ने अबाया पर रोक लगाने की आलोचना की है।


विश्व भारती हायर सेकेंडरी स्कूल की कई छात्राओं ने वीरवार की दोपहर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अबाया पहनने के कारण संस्थान में प्रवेश नहीं दिया गया। स्कूल के प्रिंसिपल मेमरोज शफी ने कहा कि छात्राओं से कहा गया था कि वे घर से स्कूल तक अबाया पहन सकती हैं, लेकिन उन्हें इसे स्कूल परिसर में उतार देना चाहिए।


यह यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है। यूनिफार्म में सफेद कमीज सलवार और हिजाब शामिल है। जो सिर नहीं ढकना चाहता, वो हिजाब न पहने। कोई अनिवार्य नहीं है। यह छात्राओं की मर्जी है। लेकिन जो सिर ढककर आएगा उसे सफेद हिजाब पहनना होगा। वर्तमान में छात्राएं विभिन्न रंगों का अबाया पहनकर  आती हैं।

यह होता है अबाया

अबाया उत्तरी अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप में इस्लामी प्रभाव वाले इलाकों में कुछ महिलाओं द्वारा पहना जाता है। पारंपरिक अबाया काले होते हैं। लबादे की तरह इस पोशाक से चेहरे, पैर और हाथ को छोड़कर पूरे शरीर को ढंका जाता है।

कॉलेजों में एक यूनिफॉर्म है, जो अनिवार्य है। हर पेशा एक ड्रेस कोड के अनुसार काम करता है, चाहे वह शिक्षक हों या डॉक्टर। अगर छात्र यूनिफॉर्म नहीं पहनेंगे तो शिक्षा व्यवस्था बिगड़ जाएगी। -द्रख्शां अंद्राबी, अध्यक्ष, जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड 

यह कर्नाटक में शुरू हुआ और कश्मीर तक पहुंच गया। यह स्वीकार नहीं है। इस पर गंभीर प्रतिक्रिया होगी। कपड़े पहनना निजी पसंद है। इसमें बाध्यता नहीं होनी चाहिए। -महबूबा मुफ्ती, पीडीपी अध्यक्ष
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मुस्लिम बहुल केंद्र शासित प्रदेश में इस तरह की घटनाएं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हिजाब पहनना व्यक्तिगत पसंद होनी चाहिए। धार्मिक पोशाक के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। -तनवीर सादिक, मुख्य प्रवक्ता, नेकां

भाजपा ड्रेस कोड लगाने के पक्ष में नहीं है। यह एक धार्मिक मुद्दा है। हम न तो इसके खिलाफ हैं और न ही पक्ष में। अगर कोई साड़ी या सलवार पहनना चाहता है, तो कोई बाध्यता नहीं होनी चाहिए। -अशोक कौल, महासचिव, भाजपा  
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