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क्षीर भवानी मेला: तुलमुला पहुंचे 25000 से अधिक श्रद्धालु, गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया में साझा कीं तस्वीरें
एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: विमल शर्मा
Updated Tue, 30 May 2023 01:34 AM IST
क्षीर भवाली मेला 26 मई को शुरू हुआ था और ज्येष्ठ अष्टमी 28 मई रविवार को संपन्न हुआ। यह मेला कश्मीरी पंडितों के साथ कश्मीर घाटी के स्थानीय लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
Kheer Bhawani Mela 2023
- फोटो : बासित जरगर
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को कहा कि कश्मीर में ज्येष्ठ अष्टमी रविवार को हुए क्षीर भवानी मेले में 25000 से भी अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। उन्होंने राज्य के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्थानीय प्रशासन को मेले के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि मां क्षीर भवानी की कृपा हम पर सदैव बनी रहे। साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं की कुछ तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा कीं। क्षीर भवाली मेला 26 मई को शुरू हुआ था और ज्येष्ठ अष्टमी 28 मई रविवार को संपन्न हुआ। यह मेला कश्मीरी पंडितों के साथ कश्मीर घाटी के स्थानीय लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
मेले के पहले दिन जम्मू से 2500 से भी अधिक श्रद्धालु 107 बसों से मंदिर पहुंचे। 28 मई को संध्या आरती के साथ मेले का शांतिपूर्वक समापन हुआ। कश्मीरी पंडितों और अन्य स्थानीय समुदायों ने अपने प्रियजनों व समाज की शांति, समृद्धि और खुशी के लिए प्रार्थना की।
पिछले साल ज्येष्ठ अष्टमी के शुभ अवसर पर करीब 18,000 कश्मीरी पंडितों और श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध माता क्षीर भवानी मंदिर में दर्शन किए थे। क्षीर भवानी कश्मीरी पंडितों की कुल देवी मानी जाती हैं। वर्षों से क्षीर भवानी मेला कश्मीर में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक बना हुआ है।
गांदरबल प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम
गांदरबल जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के आरामदायक प्रवास के लिए व्यापक और विस्तृत व्यवस्था की थी। गांदरबल पुलिस, गैर सरकारी संगठनों, सरकारी कर्मचारियों, राजनीतिक दलों आदि ने टेंट लगाकर श्रद्धालुओं के लिए जल-पान की व्यवस्था की।
जिला पुलिस गांदरबल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 20 कंपनियों को तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए। साथ ही एस्कॉर्ट वाहन, आरओपी, सीटी क्यूआरटी, कानून-व्यवस्था के सभी घटक, अतिरिक्त नाका प्वाइंटस आदि व्यापक तैनाती योजना का हिस्सा रहे। भक्तों के भोजन के लिए दस लंगर स्थापित किए गए।
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