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क्षीर भवानी मेला: जम्मू के जानीपुर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, दिखा हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का रंग

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: विमल शर्मा Updated Mon, 29 May 2023 04:01 AM IST
सार

क्षीर भवानी मेला कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़े पर्वों में शामिल है। जानीपुर स्थित मां राघन्या मंदिर में हजारों कश्मीरी पंडित पहुंचे। भक्तों ने दूध चढ़ाया।

jammu: Kashmiri Pandits reached the Kshir Bhavani fair
जम्मू में पूजा करते कश्मीरी पंडित - फोटो : पीटीआई

विस्तार
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हाथों में आस्था की थाली, थाली में दिया, दूध, धूप और खीर, लंबी-लंबी कतारें और जयकारों की गूंज। मौका था रविवार को ज्येष्ठ अष्टमी पर क्षीर भवानी मेले का। शहर के जानीपुर स्थित माता खीर भवानी मंदिर में भक्तों ने कश्मीरी भाषा में भजन-कीर्तन किया।



हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने धार्मिक परंपरा और अनुष्ठान से माहौल को भक्तिमय बना दिया। क्षीर भवानी मेला कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़े पर्वों में शामिल है। जानीपुर स्थित मां राघन्या मंदिर में हजारों कश्मीरी पंडित पहुंचे। भक्तों ने दूध चढ़ाया।


मां को खीर का भोग लगाया। मंदिर के गर्भ गृह के सामने आस्था के दिए जलाए। कश्मीर घाटी में अपनी वापसी के लिए प्रार्थना की। मंदिर में सुबह से भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। 11 बजे के बाद भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगना शुरू हुईं, जो देर शाम तक रहीं।

मां राघन्या को भोग लगाने के बाद भजन-कीर्तन किया गया। कश्मीरी पंडित ने मातृ भाषा कश्मीरी में मां के भजन गाए। क्षीर भवानी मेले का मुख्य कार्यक्रम गांदबरल जिले के तुलमुला स्थित माता के मंदिर में होता है। विस्थापन के बाद कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने जानीपुर में मां का मंदिर बनाया।

इस दिन घाटी नहीं जाने वाले इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं, जो जम्मू में ही तुलमुला जैसा एहसास करवाता है। कश्मीरी पंडित रजनी ने कहा कि मां से घर वापसी की प्रार्थना की है। हम विस्थापित हैं, मां प्रार्थना जरूरी सुनेगी। एक दिन सुरक्षित घर वापसी होगी। 

नगरोटा कैंप में उत्साह

क्षीर भवानी मेले पर नगरोटा स्थिति माइग्रेंट कॉलोनी में भी उत्साह था। यहां स्थित मां के मंदिर में भी बड़ी सख्या में लोगों ने दर्शन किए। मां से सुख-समृद्धि के साथ घाटी में वापसी के लिए प्रार्थना की। भंडारे का भी आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

क्षीर भवानी मेले में दिखा हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का रंग

ज्येष्ठ अष्टमी पर मध्य कश्मीर का गांदरबल जिला मां राघेन्या की भक्ति में डूबा नजर आया। तुलमुला स्थित माता क्षीर भवानी मंदिर में रविवार को आयोजित मेले में देशभर से आए कश्मीरी पंडितों ने पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगीं और घाटी में सकुशल वापसी व प्रदेश में सुख समृद्धि की कामना की।

अलसुबह से लेकर देर शाम तक मंदिर मां राघेन्या के जयकारों से गूंजता रहा। मेले में स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी बढ़ चढ़कर भागीदारी की, जिससे हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का रंग और गाढ़ा हुआ। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी माथा टेका।

स्थानीय लोगों ने कड़ी सुरक्षा के बीच प्रदेश व दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, हिमाचल प्रदेश, बरेली, चंडीगढ़ और राजस्थान सहित देशभर से आए श्रद्धालुओं का जोरदार स्वागत किया। दिनभर मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन चलता रहा। महिलाएं भजन कीर्तन में लीन रहीं। भक्तों ने दूध, खीर तथा गुलाब के फूल पवित्र जलकुंड में चढ़ाए और शांति-सद्भावना तथा समृद्धि की मन्नतें मांगीं।  

मेले में आए एक भक्त ने कहा, मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों के युवाओं को त्योहार की व्यवस्था करते हुए देखकर खुशी हुई। श्रद्धालुओं का कहना है कि हमें विश्वास है कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल का संदेश देश-दुनिया में फैलेगा। 
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