जम्मू-कश्मीर समेत पांच राज्यों के लिए गठित परिसीमन आयोग का कार्यकाल बढ़ेगा। इसके लिए बुधवार को अधिसूचना जारी की जा सकती है। माना जा रहा है कि कार्यकाल बढ़ने के बाद आयोग की टीम जम्मू-कश्मीर का दौरा कर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों तथा लोगों से मिलकर फीडबैक लेगी। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें भी कर सकती है।
आयोग की अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई का कार्यकाल पांच मार्च को समाप्त होने वाला है। आयोग में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर समेत पांच राज्यों के चुनाव आयुक्तों को भी रखा गया है।
आयोग को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करते हुए सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ ही चार पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर, नगालैंड व अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा सीटों का परिसीमन करने का दायित्व भी सौंपा गया है। पिछले साल लोकसभा अध्यक्ष ने 15 सांसदों को आयोग का सहयोगी सदस्य मनोनीत किया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू व डॉ. जितेंद्र सिंह भी हैं।
आयोग की पहली बैठक 18 फरवरी को नई दिल्ली में हुई जिसमें नेकां सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी व मोहम्मद अकबर लोन ने हिस्सा नहीं लिया था। इनका तर्क था कि पार्टी ने राज्य पुनर्गठन अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है, इस वजह से बैठक में शामिल होना संभव नहीं है।
बैठक में जम्मू-कश्मीर के सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह व जुगल किशोर शर्मा शामिल हुए थे। बैठक में शामिल सांसदों ने सुझाव दिया कि जनसंख्या को ही केवल आधार न बनाया जाए बल्कि भौगोलिक परिस्थितियों तथा दूरदराज के इलाकों का भी परिसीमन करते समय ध्यान रखा जाए।
जम्मू-कश्मीर समेत पांच राज्यों के लिए गठित परिसीमन आयोग का कार्यकाल बढ़ेगा। इसके लिए बुधवार को अधिसूचना जारी की जा सकती है। माना जा रहा है कि कार्यकाल बढ़ने के बाद आयोग की टीम जम्मू-कश्मीर का दौरा कर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों तथा लोगों से मिलकर फीडबैक लेगी। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें भी कर सकती है।
आयोग की अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई का कार्यकाल पांच मार्च को समाप्त होने वाला है। आयोग में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर समेत पांच राज्यों के चुनाव आयुक्तों को भी रखा गया है।
आयोग को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करते हुए सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ ही चार पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर, नगालैंड व अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा सीटों का परिसीमन करने का दायित्व भी सौंपा गया है। पिछले साल लोकसभा अध्यक्ष ने 15 सांसदों को आयोग का सहयोगी सदस्य मनोनीत किया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू व डॉ. जितेंद्र सिंह भी हैं।
आयोग की पहली बैठक 18 फरवरी को नई दिल्ली में हुई जिसमें नेकां सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी व मोहम्मद अकबर लोन ने हिस्सा नहीं लिया था। इनका तर्क था कि पार्टी ने राज्य पुनर्गठन अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है, इस वजह से बैठक में शामिल होना संभव नहीं है।
बैठक में जम्मू-कश्मीर के सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह व जुगल किशोर शर्मा शामिल हुए थे। बैठक में शामिल सांसदों ने सुझाव दिया कि जनसंख्या को ही केवल आधार न बनाया जाए बल्कि भौगोलिक परिस्थितियों तथा दूरदराज के इलाकों का भी परिसीमन करते समय ध्यान रखा जाए।