न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 08 Apr 2021 06:53 AM IST
जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक गलियारों में इस साल 148 साल पुरानी एक परंपरा टूटने वाली है। इस बार केवल संवेदनशील फाइलों व दस्तावेजों को ही ट्रकों में भरकर जम्मू से श्रीनगर ले जाना का फैसला सरकार ने लिया है।
केवल दस ट्रकों में ही संवेदनशील रिकॉर्ड को ले जाया जाएगा। इसी संदर्भ में बीते सोमवार सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार दरबार मूव के तहत आने वाले सभी विभाग 15 अप्रैल तक ई आफिस में शिफ्ट हो जाएंगे।
जम्मू से श्रीनगर दरबार मूव के दौरान इस बार ज्यादातर सरकारी रिकॉर्ड को डिजिटल माध्यम से श्रीनगर नागरिक सचिवालय ले जाया जाएगा। सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि संवेदनशील फाइलों जिन्हें डिजिटल तौर पर स्केन नहीं किया गया है उसकी पूरी सूची सौंपे ताकि 15 अप्रैल तक सामान्य प्रशासनिक विभाग का पूरा लेखाजोखा मिल जाए।
सरकार ने इस बार दरबार मूव को पेपरलेस बनाने के लिए ई-आफिस को माध्यम बनाया है। इससे सरकारी रिकॉर्ड शिफ्ट करने पर होने वाला खर्च बचेगा। इसीलिए दरबार मूव के कर्मचारियों और सीमित मात्रा में रिकॉर्ड को जम्मू से श्रीनगर पहुंचाया जाएगा।
होगी 50 करोड़ की बचत...
प्रदेश की शीतकालीन राजधानी जम्मू से श्रीनगर स्थानांतरण पहली बार पेपर लैस दरबार मूव के माध्यम से होगा। इससे प्रदेश सरकार के खजाने में करीब पचास करोड़ की बचत होगी। इसके अलावा ट्रकों व बसों में लोडिंग व अनलोडिंग में रिकार्ड के क्षतिग्रस्त होने की संभावना भी नहीं रहेगी।
टूट जाएगी बरसों पुरानी परंपरा...
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 1872 से चल रही जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की परंपरा की कड़ी में पहली बार पेपर लैस दरबार मूव इस बार होगा। नागरिक सचिवालय के बाहर के करीब 43 विभागों में भी डिजिटलीकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और दरबार मूव होने से पहले इससे पूरा कर लिया जाएगा।
विस्तार
जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक गलियारों में इस साल 148 साल पुरानी एक परंपरा टूटने वाली है। इस बार केवल संवेदनशील फाइलों व दस्तावेजों को ही ट्रकों में भरकर जम्मू से श्रीनगर ले जाना का फैसला सरकार ने लिया है।
केवल दस ट्रकों में ही संवेदनशील रिकॉर्ड को ले जाया जाएगा। इसी संदर्भ में बीते सोमवार सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार दरबार मूव के तहत आने वाले सभी विभाग 15 अप्रैल तक ई आफिस में शिफ्ट हो जाएंगे।
जम्मू से श्रीनगर दरबार मूव के दौरान इस बार ज्यादातर सरकारी रिकॉर्ड को डिजिटल माध्यम से श्रीनगर नागरिक सचिवालय ले जाया जाएगा। सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि संवेदनशील फाइलों जिन्हें डिजिटल तौर पर स्केन नहीं किया गया है उसकी पूरी सूची सौंपे ताकि 15 अप्रैल तक सामान्य प्रशासनिक विभाग का पूरा लेखाजोखा मिल जाए।
सरकार ने इस बार दरबार मूव को पेपरलेस बनाने के लिए ई-आफिस को माध्यम बनाया है। इससे सरकारी रिकॉर्ड शिफ्ट करने पर होने वाला खर्च बचेगा। इसीलिए दरबार मूव के कर्मचारियों और सीमित मात्रा में रिकॉर्ड को जम्मू से श्रीनगर पहुंचाया जाएगा।
होगी 50 करोड़ की बचत...
प्रदेश की शीतकालीन राजधानी जम्मू से श्रीनगर स्थानांतरण पहली बार पेपर लैस दरबार मूव के माध्यम से होगा। इससे प्रदेश सरकार के खजाने में करीब पचास करोड़ की बचत होगी। इसके अलावा ट्रकों व बसों में लोडिंग व अनलोडिंग में रिकार्ड के क्षतिग्रस्त होने की संभावना भी नहीं रहेगी।
टूट जाएगी बरसों पुरानी परंपरा...
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 1872 से चल रही जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की परंपरा की कड़ी में पहली बार पेपर लैस दरबार मूव इस बार होगा। नागरिक सचिवालय के बाहर के करीब 43 विभागों में भी डिजिटलीकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और दरबार मूव होने से पहले इससे पूरा कर लिया जाएगा।