लद्दाख घोषण दिवस पर बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा को शुक्रवार लद्दाख के प्रतिष्ठित छठे लद्दाख पाल नगम दुस्तोन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेह में ऐतिहासिक सिंधु घाट पर आयोजित भव्य समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच लद्दाख घोषण दिवस मनाया गया। बौद्ध धर्मगुरु 14वें दलाईलामा को लद्दाख और मानवता के प्रति योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया।
दलाईलामा ने कहा कि लद्दाख और तिब्बत को सिंधु नदी धार्मिक और सांस्कृतिक समानताओें के साथ जोड़ती है। धर्मगुरु ने कहा कि जलवायु परिवर्तन चिंताजनक विषय है, जिसे लेकर सभी को अपने व्यवहार को पर्यावरण के अनुकूल बनाना होगा।
इससे पूर्व समारोह में लद्दाख उप राज्यपाल के सलाहकार उमंग नरूला ने कहा कि हिमालयी बौद्धों के लिए धर्मगुरु जीवंत बुद्ध हैं। उन्होंने विश्व शांति, सौहार्द और प्रेम का संदेश दिया है। धर्मगुरु की ओर से लद्दाख के प्रतिष्ठित पुरस्कार को स्वीकार किए जाने का लद्दाख प्रशासन आभार व्यक्त करता है। नरूला ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। अब यहां तेजी से विकास हो रहा है।
आधारभूत ढांचे का विकास पर्यावरण और संस्कृति संरक्षण के साथ किया जा रहा है। आने वाले दिनों में लद्दाख कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनेगा। वहीं लद्दाख के सांसद जाम्यांग सेरिंग नामग्याल और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद लेह ताशी ग्यालसन ने धर्मगुरु के लद्दाख दौरे को महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा कि वे धर्मगुरु के दिखाए रास्ते पर चलने का भरसक प्रयास करेंगे।
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लद्दाख घोषण दिवस पर बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा को शुक्रवार लद्दाख के प्रतिष्ठित छठे लद्दाख पाल नगम दुस्तोन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेह में ऐतिहासिक सिंधु घाट पर आयोजित भव्य समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच लद्दाख घोषण दिवस मनाया गया। बौद्ध धर्मगुरु 14वें दलाईलामा को लद्दाख और मानवता के प्रति योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया।
दलाईलामा ने कहा कि लद्दाख और तिब्बत को सिंधु नदी धार्मिक और सांस्कृतिक समानताओें के साथ जोड़ती है। धर्मगुरु ने कहा कि जलवायु परिवर्तन चिंताजनक विषय है, जिसे लेकर सभी को अपने व्यवहार को पर्यावरण के अनुकूल बनाना होगा।
इससे पूर्व समारोह में लद्दाख उप राज्यपाल के सलाहकार उमंग नरूला ने कहा कि हिमालयी बौद्धों के लिए धर्मगुरु जीवंत बुद्ध हैं। उन्होंने विश्व शांति, सौहार्द और प्रेम का संदेश दिया है। धर्मगुरु की ओर से लद्दाख के प्रतिष्ठित पुरस्कार को स्वीकार किए जाने का लद्दाख प्रशासन आभार व्यक्त करता है। नरूला ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। अब यहां तेजी से विकास हो रहा है।
आधारभूत ढांचे का विकास पर्यावरण और संस्कृति संरक्षण के साथ किया जा रहा है। आने वाले दिनों में लद्दाख कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनेगा। वहीं लद्दाख के सांसद जाम्यांग सेरिंग नामग्याल और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद लेह ताशी ग्यालसन ने धर्मगुरु के लद्दाख दौरे को महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा कि वे धर्मगुरु के दिखाए रास्ते पर चलने का भरसक प्रयास करेंगे।