विज्ञापन
Hindi News ›   Jammu and Kashmir ›   Jammu News ›   jammu kashmir news: 28 thousand govt employees under I T dept scanner for claiming bogus refunds

जम्मू कश्मीर: 28 हजार कर्मचारी IT विभाग की रडार पर, सीए सहित 404 करदाताओं के खिलाफ दो मामले दर्ज

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: kumar गुलशन कुमार Updated Sun, 04 Jun 2023 04:31 PM IST
सार

आईटी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया है कि यूटी सरकार के 20,000 से अधिक कर्मचारी और सुरक्षा बलों से संबंधित 8,000 से अधिक कर्मी धोखाधड़ी से आयकर रिफंड का दावा करने की वजह से विभाग के रडार पर हैं। 

jammu kashmir news: 28 thousand govt employees under I T dept scanner for claiming bogus refunds
आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार
Follow Us

जम्मू-कश्मीर में कार्यरत 28 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी आयकर विभाग की जांच के दायरे में हैं। इनमें 8 हजार पुलिस और अर्धसैनिक बल के कर्मी भी शामिल हैं। आरोप है कि कथित तौर पर इन्होंने करोड़ रुपये के फर्जी रिफंड का दावा किया था।



आयकर विभाग ने फर्जी रिफंड मामलों में जम्मू-कश्मीर के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट सहित 404 करदाताओं के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। अधिकारी ने बताया कि प्रधान आयकर आयुक्त, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख एमपी सिंह के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा में आयकर अधिकारी (तकनीकी) आकाश कुमार मीना ने आयकर अधिकारी (टीडीएस) की तरफ से की जांच के आधार पर ये मामले दर्ज किए हैं। 


आरोपियों के खिलाफ श्रीनगर की आर्थिक अपराध शाखा (इकनोमिक ओफ्फेंस विंग) के पास 25 मई को दर्ज मामलों की एफआईआर संख्या 27/2023 और 28/2023 है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि श्रीनगर के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट इमरान अमीन दारा सहित 404 करदाताओं ने साजिश कर वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 के बीच भारत सरकार के राजस्व को 16.72 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। 

सभी आरोपियों ने विभिन्न वर्षों का गलत आयकर रिटर्न दाखिल कर रिफंड के रूप में चार लाख रुपये से अधिक ले लिए हैं। सभी 405 व्यक्तियों के खिलाफ धारा 420, 468, 471 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। मुख्य अभियुक्त चार्टर्ड अकाउंटेंट इमरान अमीन दारा श्रीनगर में आईसीडीएस एंड कंपनी के नाम से एक कंसल्टेंसी फर्म चला रहा है।

मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। विशेष जांच दल ने सभी अभियुक्तों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग ने सीए इमरान अमीन दारा के खिलाफ इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) में शिकायत दर्ज कराई है। 

24 मई के एक पत्र में आयकर अधिकारी तकनीकी आकाश कुमार मीना ने आईसीएआई के निदेशक (अनुशासन) से सीए के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए अनुरोध किया है, इसमें सीए का लाइसेंस निरस्त हो सकता है।
विज्ञापन

उन्होंने बताया कि रिफंड के विश्लेषण में यह पाया गया कि संख्या में यूटी के वेतन भोगी कर्मचारी कुछ दलालों की मदद से आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत फर्जी कटौतियों का दावा कर रहे हैं। इसमें पीडीडी, स्वास्थ्य, पर्यटन, शिक्षा, पुलिस, जम्मू-कश्मीर बैंक, विश्वविद्यालयों और सशस्त्र एवं अर्धसैनिक बलों के कर्मचारी भी शामिल हैं। 

अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग के अनुरोध पर यूटी विभागों ने मार्च में अपने कर्मचारियों को अपने आयकर रिटर्न को अपडेट करने और आईटीआर-यू फाइल करने की सलाह दी थी।

इसमें 9700 से अधिक कर्मचारियों ने अपनी आयकर 31 मार्च, 2023 तक अपडेट की है और इससे आयकर विभाग को अब तक 56 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त कर प्राप्त हुआ है। आईटी विभाग के नोटिस में आया है कि कई कर्मचारियों ने अपने रिटर्न को अपडेट नहीं किया है और अतिरिक्त कर (जुर्माना) के साथ धोखाधड़ी से अर्जित रिफंड सरकार को वापस नहीं किया।

आईटी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया है कि यूटी सरकार के 20,000 से अधिक कर्मचारी और सुरक्षा बलों से संबंधित 8,000 से अधिक कर्मी धोखाधड़ी से आयकर रिफंड का दावा करने की वजह से विभाग के रडार पर हैं। 

प्रधान आयकर आयुक्त एमपी सिंह ने कहा कि नागरिकों के भुगतान किए करों का उपयोग सड़कों, पुलों, सुरंगों, रेल-लाइनों, स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाता है।

फर्जी रिफंड का दावा करने वालों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इन पर आयकर अधिनियम की धारा 276सी के तहत भी मुकद्दमा चलाया जा सकता है। 

इसमें सश्रम कारावास की सजा का प्रावधान है। एक साल में 2.5 लाख रुपये से अधिक की कर चोरी पर छह महीने से सात साल तक की सजा और एक साल में 2.5 लाख रुपये से कम की कर चोरी पर तीन महीने से लेकर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए आयकर विवरणी दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है।

उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर जनता को सलाह दी जाती है कि यदि कोई दलाल उनसे संपर्क करता है और कटा हुआ टीडीएस वापिस दिलाने का वादा करता है तो वे आयकर विभाग को तुरंत सूचित करें। ऐसे दलालों की जानकारी ईमेल SRINAGAR.PCIT@INCOMETAX.GOV.IN या PCIT.SRINAGAR@GMAIL.COM पर दें।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें