न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Published by: करिश्मा चिब
Updated Thu, 08 Apr 2021 01:48 PM IST
छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर बार्डर पर नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद से लापता जवान के मामले में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि गृह मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। यह ऐसे प्रयास नहीं हैं जो सार्वजनिक रूप से बताए जा सकें।
उन्होंने कहा कि हमारी पूरी संवेदना उनके साथ हैं और पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि सीआरपीएफ कमांडो जल्द वापस आएंगे। भगवान जल्द ही उन्हें सकुशल वापस लाएंगे। सकुशल वापसी को लेकर परिवार के सदस्य बुधवार को सड़क पर उतरे। कई जगह प्रदर्शन हुए। कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास तीन अप्रैल को नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ के बाद से लापता हैं।
इस घातक हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हो गए थे। छत्तीसगढ़ के सुकमा बीजापुर बार्डर पर मुठभेड़ स्थल से नक्सलियों ने उन्हें अगवा कर लिया था। इसके बाद से ही परिवार के सदस्य लगातार प्रधानमंत्री सहित अन्य से उनकी रिहाई को लेकर गुहार लगा रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर बार्डर पर नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद से लापता जवान के मामले में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि गृह मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। यह ऐसे प्रयास नहीं हैं जो सार्वजनिक रूप से बताए जा सकें।
उन्होंने कहा कि हमारी पूरी संवेदना उनके साथ हैं और पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि सीआरपीएफ कमांडो जल्द वापस आएंगे। भगवान जल्द ही उन्हें सकुशल वापस लाएंगे। सकुशल वापसी को लेकर परिवार के सदस्य बुधवार को सड़क पर उतरे। कई जगह प्रदर्शन हुए। कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास तीन अप्रैल को नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ के बाद से लापता हैं।
इस घातक हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हो गए थे। छत्तीसगढ़ के सुकमा बीजापुर बार्डर पर मुठभेड़ स्थल से नक्सलियों ने उन्हें अगवा कर लिया था। इसके बाद से ही परिवार के सदस्य लगातार प्रधानमंत्री सहित अन्य से उनकी रिहाई को लेकर गुहार लगा रहे हैं।
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