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जम्मू-कश्मीर: सिंध नदी के पानी का रंग नीले से हुआ दूधिया, प्रशासन ने इस्तेमाल न करने की दी हिदायत

अमर उजाला नेटवर्क, श्रीनगर Published by: विमल शर्मा Updated Tue, 28 Mar 2023 10:27 AM IST
सार

108 किलोमीटर लंबाई में बहने वाली सिंध नदी मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बहती है। यह झेलम नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। गत्रीबल में पहाड़ों के बीच से गुजरती सिंध नदी बेहद शांत नजर आती है।

jammu kashmir: color of Sindh river water turned from blue to milky, administration asked not to use it
सिंध नदी गांदरबल - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में सिंध नदी के पानी का रंग अचानक नीला से सफेद (दूधिया) हो गया है। पानी में ढेर सारा झाग है। साथ ही दुर्गंध भी है। कंगन तथा आसपास के लोगों ने पानी के रंग में बदलाव देखा तो इसकी सूचना प्रशासन को दी। प्रशासन ने कमेटी का गठन कर मामले की जांच शुरू कर दी है।



फिलहाव पानी के नमूने लिए गए हैं। जिसकी रिपोर्ट मंगलवार शाम तक आएगी। जिला प्रशासन ने लोगों को हिदायत दी है कि फिलहाल नदी के पानी का प्रयोग न करें। जिले के कंगन क्षेत्र के निवासियों के लिए सिंध नदी एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है।


कुछ निवासियों को संदेह है कि रंग बदलने का कारण निर्माणाधीन सुरंग के काम से निकलने वाले रसायन हो सकते हैं। कंगन के रहने वाले अब्दुल अहद ने नदी में रसायनों की उपस्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह पानी हम लोगों के लिए महत्वपूर्ण है और हम कई चीजों के लिए इस पर निर्भर हैं।

यह नदी जलीय जंतुओं का समृद्ध स्रोत है लेकिन इस रसायन के कारण सभी जलीय जंतु प्रभावित हो सकते हैं। एक अन्य नागरिक ने कहा कि सोमवार को जब मैंने सिंध नदी के पानी को देखा तो दूध जैसा पदार्थ पानी की ऊपरी परत पर तैर रहा था लेकिन पानी की अजीब गंध और रंग स्पष्ट संकेत है कि कुछ गलत है।

कंगन के स्थानीय लोगों का कहना है कि सिंध नदी हमेशा उनके लिए जीवन का स्रोत रही है। उन्होंने हमेशा इसके पानी के सुरक्षित और साफ होने पर भरोसा किया है लेकिन अब पानी में कथित रसायनों की मौजूदगी से अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।

108 किलोमीटर लंबाई में बहने वाली सिंध नदी मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बहती है। यह झेलम नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। गत्रीबल में पहाड़ों के बीच से गुजरती सिंध नदी बेहद शांत नजर आती है।

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माचोई ग्लेशियर में है उद्गम स्थल

सिंध नदी का प्रारंभिक स्रोत हिमालय में माचोई ग्लेशियर से 4,800 मीटर (15,700 फीट) की ऊंचाई पर है। भारत में सिंध नदी ज्यादातर श्रीनगर-लेह राजमार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग 1 डी) के साथ पश्चिम की ओर बहती है। सिंध नदी 1,600 मीटर (5,200 फीट) की ऊंचाई पर श्रीनगर से 17 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में शादीपोरा नामक स्थान पर झेलम नदी में मिल जाती है।

हमने जांच समिति का गठन किया है जो इसमें जांच कर रही है। हमने पानी के सैंपल ले लिए हैं जिसे श्रीनगर के सेंट्रल लैब में जांच के लिए भेजा गया है। मंगलवार शाम तक रिपोर्ट आ जाएगी। हमने लोगों को यह हिदायत दी है कि वहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का ही पानी पीने के लिए इस्तेमाल में लाएं। प्रारंभिक जांच में कोई केमिकल नहीं पाया गया है। -श्यामबीर सिंह, डीसी गांदरबल

गगनगीर से कुछ ऐसा पानी आ रहा था जिसकी जांच की गई है। वहां जो कंपनी टनलिंग का काम कर रही है शायद उसका मलबा उसमें चला गया है। परेशान होने वाली बात नहीं है। हमने टेस्ट किया है उसमें पानी दूषित नहीं पाया गया है। सिल्ट लोड बढ़ गया है। कोई परेशानी की बात नहीं है। अब दूसरा सैंपल डीसी के निर्देशानुसार सेंट्रल लैब भेजा गया है, उसकी रिपोर्ट मंगलवार को आ जाएगी।  - समीउल्लाह बेग, इंजीनियर-पीएचई गांदरबल

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