न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Updated Sat, 16 Nov 2019 04:02 PM IST
कुछ दिन पहले बारिश से जहां धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था, वहीं शुक्रवार और शनिवार को रुक-रुक कर बारिश होने से धान की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। जिन किसानों ने फसल काटकर खेतों में सुखाने के लिए रखी थी बारिश के बाद फूल खराब होने के आसार हैं। खेतों में बारिश के बाद पानी भर गया है।
धान के साथ-साथ गेहूं की बुवाई में भी लोगों को परेशानी आएगी। बारिश न होती तो गेहूं की फसल के लिए सबसे अच्छा मौसम इसी महीने का माना जाता है, लेकिन इस बार जहां धान की फसल बर्बाद हो गई। वहीं गेहूं की बुवाई भी कम ही हो पाएगी।
हालांकि इस बारिश से कंडी के किसान गेहूं की फसल की बुवाई शुरू कर सकते हैं। कृषि विभाग की तरफ से क्षेत्र के लिए उनके सेंटर पर इस मौसम का गेहूं का बीज भी उपलब्ध है। मौसम साफ होने के बाद कंडी बेल्ट में गेहूं की बुवाई शुरू हो सकती है।
कुछ दिन पहले बारिश से जहां धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था, वहीं शुक्रवार और शनिवार को रुक-रुक कर बारिश होने से धान की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। जिन किसानों ने फसल काटकर खेतों में सुखाने के लिए रखी थी बारिश के बाद फूल खराब होने के आसार हैं। खेतों में बारिश के बाद पानी भर गया है।
धान के साथ-साथ गेहूं की बुवाई में भी लोगों को परेशानी आएगी। बारिश न होती तो गेहूं की फसल के लिए सबसे अच्छा मौसम इसी महीने का माना जाता है, लेकिन इस बार जहां धान की फसल बर्बाद हो गई। वहीं गेहूं की बुवाई भी कम ही हो पाएगी।
हालांकि इस बारिश से कंडी के किसान गेहूं की फसल की बुवाई शुरू कर सकते हैं। कृषि विभाग की तरफ से क्षेत्र के लिए उनके सेंटर पर इस मौसम का गेहूं का बीज भी उपलब्ध है। मौसम साफ होने के बाद कंडी बेल्ट में गेहूं की बुवाई शुरू हो सकती है।