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कुपवाड़ा जिले के टीटवाल में स्थित मां शारदा के मंदिर का शुभारंभ नए युग की शुरुआत है। अनुच्छे 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोग पुरानी परंपराओं, सभ्यता और गंगा-जमुनी तहजीब की ओर बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार करतारपुर कॉरिडोर की तर्ज पर शारदा पीठ को खोलने की दिशा में काम करेगी। यह बातें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को नवनिर्मित मां शारदा के मंदिर के ऑनलाइन उद्घाटन पर कहीं।
इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को भारतीय नववर्ष की भी शुभकामनाएं दीं। शाह ने कहा कि इस मंदिर की वास्तुकला और निर्माण शारदा पीठ के तत्वाधान में पौराणिक शास्त्रों के अनुसार किया गया है। श्रृंगेरी मठ द्वारा दान की गई शारदा मां की मूर्ति को यहां प्रतिष्ठापित किया गया है। कुपवाड़ा में मां शारदा के मंदिर का पुनर्निर्माण होना शारदा-सभ्यता की खोज व शारदा-लिपि के संवर्धन की दिशा में एक आवश्यक एवं महत्वपूर्ण कदम है।
अमित शाह ने कहा कि एक जमाने में भारतीय उपमहाद्वीप में शारदा पीठ ज्ञान का केंद्र था। शास्त्रों और आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में देशभर के विद्वान यहां आते थे। शारदा लिपि कश्मीर की मूल लिपि है, जिसका नाम भी मां के नाम पर रखा गया है। ये महाशक्ति पीठों में से एक है। मान्यताओं के अनुसार मां सती का दाहिना हाथ यहां गिरा था।
123 चिह्नित स्थानों का व्यवस्थित रूप से जीर्णोद्धार और मरम्मत का काम जारी
शाह ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की प्रतिबद्धता के अनुरूप मोदी सरकार ने संस्कृति के पुनरुद्धार सहित जम्मू-कश्मीर के सभी क्षेत्रों में पहल की है। इसके तहत 123 चिह्नित स्थानों का व्यवस्थित रूप से जीर्णोद्धार और मरम्मत का काम चल रहा है, जिनमें कई मंदिर और सूफी स्थान शामिल हैं। 65 करोड़ रुपए की लागत से इसके पहले चरण में 35 स्थानों का पुनरुद्धार किया जा रहा है। 75 धार्मिक और सूफी संतों के स्थानों की पहचान करके 31 मेगा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।
ये शुरुआत खोई हुई भव्यता को लौटाने में करेगी मदद
गृहमंत्री ने कहा कि आज हुई ये शुरुआत इस स्थान की खोई हुई भव्यता को वापस लाने में मदद करेगी। ये स्थान मां शारदा की उपासना और उनकी प्रेरणा से मिली चेतना की जागृति का युगों-युगों तक भारतवर्ष में केंद्र बना रहेगा। कहा कि यहां हर जिले में 20 सांस्कृतिक उत्सव भी आयोजित किए गए हैं, जिनसे हमारी पुरानी विरासत को पुनर्जीवित करने में बहुत मदद मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने जिस शिद्दत से प्रधानमंत्री मोदी की सारी फ्लैगशिप योजनाओं को जमीन पर उतारने का काम किया है वो प्रशंसनीय है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एलजी ने जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक निवेश लाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।