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Valentine Week: जम्मू कश्मीर में 20 करोड़ की फ्लावर इंडस्ट्री, वैलेंटाइन वीक में आठ करोड़ का कारोबार के आसार

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: kumar गुलशन कुमार Updated Tue, 07 Feb 2023 11:00 AM IST
सार

जम्मू-कश्मीर में वातावरण की परिस्थितियों के कारण गुलाब की खेती न के बराबर होती है। जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा गुलाब का आयात महाराष्ट्र के नासिक, पुणे जैसे शहरों से होता है।

गुलाब
गुलाब - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

आज से वैलेंटाइन वीक की शुरूआत हो रही है। मंगलवार को रोज डे मनाया जाएगा। फूलों की बात करें तो जम्मू-कश्मीर में फ्लावर इंडस्ट्री (फूलों का कारोबार) 20 करोड़ की है। वैलेंटाइन वीक में आठ करोड़ का कारोबार होता है। 



आम दिनों में 20 से 30 रुपये में मिलने वाला गुलाब वैलेंटाइन वीक के दौरान बाजार में 100 से 200 रुपये का हो जाता है। फूलों का इतना बड़ा बाजार होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर में इसकी पैदावार से मांग का एक फीसदी हिस्सा ही पूरा होता है। जम्मू-कश्मीर में महाराष्ट्र और कर्नाटक से फूल मंगवाए जाते हैं।


जम्मू-कश्मीर में वातावरण की परिस्थितियों के कारण गुलाब की खेती न के बराबर होती है। जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा गुलाब का आयात महाराष्ट्र के नासिक, पुणे जैसे शहरों से होता है। टॉप सीक्रेट, जेमेलिया गुलाब सहित अन्य किस्में आती हैं, जो लोगों को काफी पसंद आती हैं। 

कर्ण नगर मार्केट में फूलों का कारोबार करने वाले दुकानदार के मुताबिक सोशल मीडिया के चलन के बाद इस वैलेंटाइन वीक को मनाने के ट्रेड में बदलाव हुआ है। युवाओं की पसंद बदल गई है। युवा अच्छी गुणवत्ता को महत्व देते हैं। जेमेलिया गुलाब युवाओं को काफी पसंद आते हैं। हमारा होलसेल का कारोबार है। हम दुकानदारों से मिलने वाली फीडबैक के आधार पर इसका आयात करते हैं।

मढ़ के तातरयाल में होती है खेती पर मांग के अनुरूप नहीं पैदावार

जम्मू-कश्मीर में फूलों की मार्केट में एक बड़ा हिस्सा गुलाब के फूलों का है। प्रदेश सरकार किसानों को फूलों की खेती के प्रति जागरूक नहीं कर रही है। जम्मू के मढ़ क्षेत्र में तातरयाल में गुलाब की खेती होती है। यहां पर तैयार हो रहे गुलाब की गुणवत्ता महाराष्ट्र से आने वाले गुलाब की तरह है। सरकार को चाहिए कि वह फूलों की खेती के बारे में जागरूक करे, ताकि युवा वर्ग का इस खेती की ओर रुझान बढ़े।

जम्मू-कश्मीर में फूलों की मांग के अनुरूप पैदावार नहीं है। अगर हम वैलेंटाइन वीक की बात करें तो हमारे फूल उत्पादक एक से दो लाख तक ही कारोबार कर पाते हैं, जबकि यह मार्केट 20 करोड़ का है। सरकार मंगला राय कमेटी को लागू करें, जिससे फूलों की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। -तेजिंद्र सिंह फलोरी, अध्यक्ष फूल उत्पादक समिति।

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