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राजस्व अधिकारियों की अतिक्रमणकारियों के साथ मिलीभगत मालूम होती है: तरनजीत
शेर-ए-चक के ग्रामीण रास्ते पर अतिक्रमण की समस्या को लेकर डीडीसी सदस्य से मिले
डीडीसी सदस्य ने रिकॉर्ड के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा
संवाद न्यूज एजेंसी
अरनिया। सुचेतगढ़ के गांव शेर-ए-चक में रास्ते पर अतिक्रमण की समस्या का संज्ञान डीडीसी सदस्य सुचेतगढ़ तरनजीत सिंह टोनी ने लिया है। राजस्व अधिकारियों और ग्रामीणों से बात करने के बाद उन्होंने कहा है कि अतिक्रमणकारियों के साथ राजस्व अधिकारियों की कोई मिलीभगत मालूम होती है। इसलिए, ग्रामीणों के रिकॉर्ड दिखाने के बाद भी विभाग रास्ते की निशानदेही नहीं कर रहा है।
समस्या को लेकर ग्रामीण शनिवार को डीडीसी सदस्य से मिले। ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि राजस्व विभाग उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है। रास्ते की निशानदेही को लेकर टालमटोल कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि वह सौ साल पुराना रिकॉर्ड निकालकर लाए हैं। इसके अनुसार रास्ते की बहाली करनी चाहिए। लेकिन, राजस्व विभाग उस रिकॉर्ड को तवज्जो नहीं दे रहा। लोगों की बात सुनने के बाद डीडीसी सदस्य ने तहसीलदार निर्भय शर्मा को फोन लगाया, और ग्रामीणों की समस्या को लेकर जवाब तलब किया। इस पर तहसीलदार ने कहा कि संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है। जल्द ही वह निशानदेही कर रिपोर्ट जमा करेगी। उसके बाद आगे की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। डीडीसी सदस्य ने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार ग्रामीणों की समस्या का समाधान करें। इस पर तहसीलदार ने कहा कि निशानदेही का मामला नायब तहसीलदार दबलैड़ हबीब उल रहमान देख रहे हैं। इसलिए, ग्रामीण उनसे मिलें और रिकॉर्ड के बारे में भी उन्हें बताएं। तब ग्रामीण नायब तहसीलदार के पास जा पहुंचे और उनसे पुराने और नए रिकॉर्ड के अनुसार जवाब तलब करने लगे। इस पर नायब तहसीलदार ने कहा कि संयुक्त समिति द्वारा की गई निशानदेही में मौजूदा हालत को मद्देनजर रखते हुए जो भी रिपोर्ट बनाई जाएगी उसी पर फैसला दिया जाएगा। पुराने रिकॉर्ड को भी देखा जाएगा। जल्द ही निशानदेही हो जाएगी।
डीडीसी सदस्य ने कहा कि राजस्व विभाग का काम खुद ग्रामीण कर रहे हैं। सारा रिकॉर्ड खोज कर अधिकारियों के समक्ष पेश कर रहे हैं। उसके बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों की अतिक्रमणकारियों के साथ मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ऐसे कई तालाब, कुएं गैर मुमकिन रास्ते और स्टेट लैंड अतिक्रमणकारियों द्वारा हड़प लिए गए हैं। परंतु राजस्व विभाग मूक दर्शक बन सारा तमाशा देख रहा है। ग्रामीणों द्वारा बताई गई समस्या को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया जाएगा और प्रशासन को लोगों के हित में रास्ते की बहाली करने के लिए कहा जाएगा।
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