जम्मू। आर्थिक तंगी और सरकार के दबाव के बाद कश्मीर में ड्यूटी ज्वाइन करने वाले कश्मीरी पंडित कर्मचारी एक बार फिर डर के साये में हैं। आतंकियों द्वारा 56 कर्मचारियों की सूची जारी करने से फिर घाटी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। मंगलवार को पांच से सात कश्मीरी पंडित जम्मू पहुंच गए हैं। इनमें सरकार के प्रति आक्रोश है। इन कर्मचारियों का नाम उस सूची में है, जिसे आतंकियों ने धमकी पत्र के साथ जारी किया था।
नाम नहीं लिखने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा कि पांच महीने से वेतन बंद था। आर्थिक तंगी और सरकार का दबाव था, जिस कारण ड्यूटी दोबारा ज्वाइन की थी। आर्थिक तंगी का असर न सिर्फ मुझ पर बल्कि पूरे परिवार पर पड़ रहा था। सरकार ने मेरे सामने ड्यूटी ज्वाइन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा। कुछ दिन अच्छे निकले, लेकिन अब आतंकियों की धमकी ने फिर मेरा मनोबल तोड़ दिया। सूची में मेरा नाम होने से परिवार भी डर गया है। पत्रकारों को धमकी मिली तो सरकार ने जांच करवा दी, लेकिन हमारे मामले में ऐसा क्यों नहीं है।
वहीं जम्मू में प्रदर्शन कर रहे पीएम पैकेज के कर्मचारियों ने कहा कि सरकार के दबाव के कारण कर्मचारी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए मजबूर हैं। कुछ कर्मचारियों का परिवार उनके वेतन पर ही निर्भर है। ऐसे में सरकार ने उनके लिए कोई विकल्प ही नहीं छोड़ा है। सरकार ने जब कर्मचारियों के तबादले किए थे तो पहले 56 कर्मचारियों की सूची जारी की थी। अब आतंकी इस सूची का इस्तेमाल कर हमें डरा रहे हैं। कर्मचारी योगेश पंडिता ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों का शिकार अब कश्मीरी पंडित कर्मचारी नहीं बनेंगे।