अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सहयोग से जम्मू विश्वविद्यालय में आयोजित दस दिवसीय बाहु-कला उत्सव डुग्गर दर्पण का सोमवार को समापन हुआ। इस दौरान आईजीएनसीए ने अपना स्थापना दिवस मनाया। दिन भर चले इस कार्यक्रम में डोगरी विलेज प्रदर्शनी सड्डा ग्रां को दिखाया, जिसे हेरिटेज एंड टूरिज्म क्लब द्वारा तैयार किया था। इसमें जम्मू क्षेत्र के इतिहास, कला और संस्कृति को प्रस्तुति किया गया। कार्यक्रम में ढोल की थाप और डोगरी लोक गीतों ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
कार्यक्रम में डुग्गर प्रदेश की लोक संस्कृति को दर्शाते हुए स्टॉल लगाए गए थे। इसमें डुग्गर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों की झलक दिखी। डोगरी लोक गीतों पर विवि के विद्यार्थियों ने प्रस्तुतियां दीं। पारंपरिक डोगरी वेशभूषा में युवाओं ने डुग्गर प्रदेश की लोक संस्कृति को बयां किया। प्राचीन इमारतों के चित्र भी थे। मंडलायुक्त रमेश कुमार मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि सरकार डुग्गर प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति के संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है। इस दौरान आईआईएम, जम्मू के निदेशक प्रो. बी.एस. सहाय, जम्मू विवि के उप-कुलपति प्रो. उमेश राय व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।