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बलात्कारियों को 12 साल की कैद
Jammu
Published by:
Updated Fri, 12 Jul 2013 05:32 AM IST
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जम्मू। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी संजीव गुप्ता ने नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के चार आरोपी जीत राज, राज कुमार उर्फ राजू, सूरज प्रकाश और मोहन लाल को 12 साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। दस साल से चल रहे कोर्ट ट्रायल के बाद पीठासीन अधिकारी ने जीत राज को 40 हजार रुपये जुर्माना और अन्य तीन आरोपियों को 25-25 हजार रुपये जुर्माना करने का फैसला किया। जुर्माने की रकम को मुआवजे के तौर पर पीड़ित नाबालिग लड़की को दिए जाने के भी आदेश दिए। पुलिस केस के अनुसार 11 मार्च 2003 को सुबह साढ़े ग्यारह बजे लड़की अपनी मां के साथ बिश्नाह पुलिस थाने में पहुंची। उन्होंने बताया कि 8 मार्च शाम चार बजे उसकी लड़की शोरा में किसी घर बर्तन साफ करने गई थी। शाम को वह बाइक पर सवार होकर अपने घर वापस आ रही थी। रास्ते में सभी आरोपी घात लगाकर बैठे थे। उन्होंने बाइक को रोका। लड़की को जबरन पकड़ा और उससे सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस ने इस शिकायत पर बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया। पीठासीन अधिकारी ने एडिशनल पब्लिक प्रोसीक्यूटर गुलजार सिंह चाढक और एडवोकेट सबील मिर्जा, अश्विनी खजूरिया की दलीलों पर पाया कि अभियोग पक्ष अपना केस साबित करने में सफल रहा है। मामला एक नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार का है। केस काफी गंभीर है, इसलिए आरोपियों को 12 साल कड़ी कैद और जुर्माना की सजा सुनाई। जेएनएफ
जम्मू। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी संजीव गुप्ता ने नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के चार आरोपी जीत राज, राज कुमार उर्फ राजू, सूरज प्रकाश और मोहन लाल को 12 साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। दस साल से चल रहे कोर्ट ट्रायल के बाद पीठासीन अधिकारी ने जीत राज को 40 हजार रुपये जुर्माना और अन्य तीन आरोपियों को 25-25 हजार रुपये जुर्माना करने का फैसला किया। जुर्माने की रकम को मुआवजे के तौर पर पीड़ित नाबालिग लड़की को दिए जाने के भी आदेश दिए। पुलिस केस के अनुसार 11 मार्च 2003 को सुबह साढ़े ग्यारह बजे लड़की अपनी मां के साथ बिश्नाह पुलिस थाने में पहुंची। उन्होंने बताया कि 8 मार्च शाम चार बजे उसकी लड़की शोरा में किसी घर बर्तन साफ करने गई थी। शाम को वह बाइक पर सवार होकर अपने घर वापस आ रही थी। रास्ते में सभी आरोपी घात लगाकर बैठे थे। उन्होंने बाइक को रोका। लड़की को जबरन पकड़ा और उससे सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस ने इस शिकायत पर बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया। पीठासीन अधिकारी ने एडिशनल पब्लिक प्रोसीक्यूटर गुलजार सिंह चाढक और एडवोकेट सबील मिर्जा, अश्विनी खजूरिया की दलीलों पर पाया कि अभियोग पक्ष अपना केस साबित करने में सफल रहा है। मामला एक नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार का है। केस काफी गंभीर है, इसलिए आरोपियों को 12 साल कड़ी कैद और जुर्माना की सजा सुनाई। जेएनएफ