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जम्मू। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश उधमपुर एके कौल ने नाबालिग से गैंग रेप के दो आरोपियोें संजय कुमार और जितेंद्र कुमार उर्फ रिंकू को दस साल कैद और बीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
पुलिस केस के अनुसार, 25 मई 2005 को पीड़ित लड़की उधमपुर स्टेडियम से अपनी अन्य सहेलियों के साथ खेलकर वापस आ रही थी। लड़की आठवीं कक्षा की छात्रा है। वह एमएच मोड़ से अपनी बहन के घर पर जा रही थी। करीब 15-20 मिनट रुकने के बाद वह अपने घर के लिए निकल पड़ी। उसने सलाथिया चौक पर गाड़ी ली। इस गाड़ी को आरोपी नंबर एक चला रहा था। जबकि आरोपी नंबर दो गाड़ी का कंडक्टर था।
जब मेटाडोर जगानू मोड़ पहुंची तो लड़की की तबीयत बिगड़ गई और उसे उल्टियां आने लगीं। उसे मेटाडोर से नीचे उतारा गया। एक फर्लांग तक मेटाडोर गई थी कि ड्राइवर ने गाड़ी को रोक दी। आरोपी नंबर दो मेटाडोर से नीचे उतरा और लड़की के पास आया। उसके हाथ में सोडा की बोतल थी। उसने इस सोडा की बोतल लड़की को आफर किया, ताकि उसे आराम आ सके। उसने सोडा पीया। उसके बाद उसका सिर चकराने लगा। वह नजदीक पानी की टंकी के पास पानी पीने के लिए गई। आधे घंटे बाद मेटाडोर का ड्राइवर भी मौके पर पहुंच गया। दोनों आरोेपी लड़की को सुनसान इलाके में ले गए। मेटाडोर का चालक अपने घर से कुछ खाना और चादरें लेता आया। यहां पर चालक और कंडक्टर ने लड़की को खाना खाने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। खाना खाने के बाद दोनों आरोपियों ने लड़की के साथ बलात्कार किया।
सुबह दोनोें ने लड़की को धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो उसकी हत्या कर देंगे। लड़की जगानू मोड़ इलाके में अपने अंकल के घर चली गई। उसने अपने कपड़े धोए और दो दिन रहने के बाद अपने घर चली गई। उसने किसी को भी घटना की जानकारी नहीं दी और स्कूल जाना बंद कर दिया। पूछताछ करने पर लड़की ने पांच जून 2005 को पूरी घटना की जानकारी अपने घर वालों को दी और पुलिस में मामला दर्ज कराया। प्रधान न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों आरोपियों को को हिरासत में लेने के आदेश के साथ दस वर्ष की सजा सुनाई। आरोपियों को 20 हजार का आर्थिक दंड भी दिया गया है। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया अगर जुर्माना की रकम को अदा नहीं किया गया तो आरोपियों को एक महीने की और कैद
काटनी होगी। जेएनएफ
जम्मू। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश उधमपुर एके कौल ने नाबालिग से गैंग रेप के दो आरोपियोें संजय कुमार और जितेंद्र कुमार उर्फ रिंकू को दस साल कैद और बीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
पुलिस केस के अनुसार, 25 मई 2005 को पीड़ित लड़की उधमपुर स्टेडियम से अपनी अन्य सहेलियों के साथ खेलकर वापस आ रही थी। लड़की आठवीं कक्षा की छात्रा है। वह एमएच मोड़ से अपनी बहन के घर पर जा रही थी। करीब 15-20 मिनट रुकने के बाद वह अपने घर के लिए निकल पड़ी। उसने सलाथिया चौक पर गाड़ी ली। इस गाड़ी को आरोपी नंबर एक चला रहा था। जबकि आरोपी नंबर दो गाड़ी का कंडक्टर था।
जब मेटाडोर जगानू मोड़ पहुंची तो लड़की की तबीयत बिगड़ गई और उसे उल्टियां आने लगीं। उसे मेटाडोर से नीचे उतारा गया। एक फर्लांग तक मेटाडोर गई थी कि ड्राइवर ने गाड़ी को रोक दी। आरोपी नंबर दो मेटाडोर से नीचे उतरा और लड़की के पास आया। उसके हाथ में सोडा की बोतल थी। उसने इस सोडा की बोतल लड़की को आफर किया, ताकि उसे आराम आ सके। उसने सोडा पीया। उसके बाद उसका सिर चकराने लगा। वह नजदीक पानी की टंकी के पास पानी पीने के लिए गई। आधे घंटे बाद मेटाडोर का ड्राइवर भी मौके पर पहुंच गया। दोनों आरोेपी लड़की को सुनसान इलाके में ले गए। मेटाडोर का चालक अपने घर से कुछ खाना और चादरें लेता आया। यहां पर चालक और कंडक्टर ने लड़की को खाना खाने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। खाना खाने के बाद दोनों आरोपियों ने लड़की के साथ बलात्कार किया।
सुबह दोनोें ने लड़की को धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो उसकी हत्या कर देंगे। लड़की जगानू मोड़ इलाके में अपने अंकल के घर चली गई। उसने अपने कपड़े धोए और दो दिन रहने के बाद अपने घर चली गई। उसने किसी को भी घटना की जानकारी नहीं दी और स्कूल जाना बंद कर दिया। पूछताछ करने पर लड़की ने पांच जून 2005 को पूरी घटना की जानकारी अपने घर वालों को दी और पुलिस में मामला दर्ज कराया। प्रधान न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों आरोपियों को को हिरासत में लेने के आदेश के साथ दस वर्ष की सजा सुनाई। आरोपियों को 20 हजार का आर्थिक दंड भी दिया गया है। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया अगर जुर्माना की रकम को अदा नहीं किया गया तो आरोपियों को एक महीने की और कैद
काटनी होगी। जेएनएफ