जम्मू। रियासत के युवाओं में निडल ड्रग्स लेने का चलन बढ़ रहा है। ड्रग्स लेने में निडल का सामूहिक प्रयोग बढ़ने से एड्स का शिकंजा भी कसता जा रहा है। नए मामलों में ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसमें युवाओं में निडल ड्रग्स से एचआईवी का खतरा बढ़ा है। साइक्रेटरी अस्पताल में अभिभावक अपने लाडलों की ऐसी कई समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं। इनमें शहरी इलाकों के युवा ज्यादा प्रभावित हैं।
युवाओं में नशे की लत मिटाने के लिए नशीले कैप्सूल, नींद की गोलियां, दर्द निवारक दवाइयों, खांसी के सिरिप आदि के अलावा निडल से ड्रग लेने का प्रयोग बढ़ रहा है। इस नशे की दल-दल मेें फंसे युवा अधिकांश ग्रुप में निडल का सामूहिक प्रयोग करते हैं लेकिन इससे त्वचा में संक्रमण फैलने के साथ बुखार, सुइयों के निशान और एचआईवी के संक्रमण फैलने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। साइक्रेटरी अस्पताल के अधीक्षक एवं एचओडी डा. जगदीश थापा के अनुसार नशे के लिए युवाओं में नशीले कैप्सूल पहली पसंद बने हुए हैं लेकिन मेडिसन ड्रग में निडल ड्रग का दुरुपयोग भी बढ़ता जा रहा है।
निडल ड्रग से पीड़ितों के लिए साइक्रेटरी अस्पताल में ओपियम सब्सिट्यूट थेरेपी (ओएसटी) सेंटर खोलने की तैयारी की जा रही है। संभाग में खुलने वाले ऐसे पहले केंद्र में निडल ड्रग्स से पीड़ित लोगों को वैकल्पिक दवाइयों से नशे की लत छुड़ाई जाएगी। इसमें थेरेपी का सहारा लिया जाएगा। पंजाब से सटे इलाकों में सिरिंज से नशे का चलन बढ़ने से राज्य के युवा इसकी चपेट में आए हैं। जेएंडके एड्स प्रिवेंशन एंड कंट्रोल सोसायटी के प्रोजेक्ट निदेशक डा. राकेश खजूरिया के अनुसार निडल ड्ग्स मामले में ओएसटी सेंटर खुलने से पीड़ितों को राहत मिलेगी।
जम्मू। रियासत के युवाओं में निडल ड्रग्स लेने का चलन बढ़ रहा है। ड्रग्स लेने में निडल का सामूहिक प्रयोग बढ़ने से एड्स का शिकंजा भी कसता जा रहा है। नए मामलों में ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसमें युवाओं में निडल ड्रग्स से एचआईवी का खतरा बढ़ा है। साइक्रेटरी अस्पताल में अभिभावक अपने लाडलों की ऐसी कई समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं। इनमें शहरी इलाकों के युवा ज्यादा प्रभावित हैं।
युवाओं में नशे की लत मिटाने के लिए नशीले कैप्सूल, नींद की गोलियां, दर्द निवारक दवाइयों, खांसी के सिरिप आदि के अलावा निडल से ड्रग लेने का प्रयोग बढ़ रहा है। इस नशे की दल-दल मेें फंसे युवा अधिकांश ग्रुप में निडल का सामूहिक प्रयोग करते हैं लेकिन इससे त्वचा में संक्रमण फैलने के साथ बुखार, सुइयों के निशान और एचआईवी के संक्रमण फैलने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। साइक्रेटरी अस्पताल के अधीक्षक एवं एचओडी डा. जगदीश थापा के अनुसार नशे के लिए युवाओं में नशीले कैप्सूल पहली पसंद बने हुए हैं लेकिन मेडिसन ड्रग में निडल ड्रग का दुरुपयोग भी बढ़ता जा रहा है।
निडल ड्रग से पीड़ितों के लिए साइक्रेटरी अस्पताल में ओपियम सब्सिट्यूट थेरेपी (ओएसटी) सेंटर खोलने की तैयारी की जा रही है। संभाग में खुलने वाले ऐसे पहले केंद्र में निडल ड्रग्स से पीड़ित लोगों को वैकल्पिक दवाइयों से नशे की लत छुड़ाई जाएगी। इसमें थेरेपी का सहारा लिया जाएगा। पंजाब से सटे इलाकों में सिरिंज से नशे का चलन बढ़ने से राज्य के युवा इसकी चपेट में आए हैं। जेएंडके एड्स प्रिवेंशन एंड कंट्रोल सोसायटी के प्रोजेक्ट निदेशक डा. राकेश खजूरिया के अनुसार निडल ड्ग्स मामले में ओएसटी सेंटर खुलने से पीड़ितों को राहत मिलेगी।